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अस्तित्व के लिए संघर्ष करता कश्मीर का आरके स्टूडियो

हिंदी सिनेमा के लिए मील का पत्थर मुंबई का आरके स्टूडियो हाल ही में बिक गया वहीं दक्षिण कश्मीर के पहलगाम का आरके स्टूडियो  भी अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए संघर्षरत है। आरके स्टूडियो के मालिक रविंदर कुमार मूलत: जालंधर से संबंध रखते हैं। रविंदर कुमार ने फोटोग्राफर के तौर पर काम शुरू किया और उनके फोटोग्राफी स्टूडियो रविंदर कुमार (आरके) स्टूडियो का उद्घाटन नवंबर 1961 में हुआ। रविंदर कुमार ने राजेश खन्ना, डिंपल कपाडिय़ा और ओम प्रकाश समेत कई बॉलीवुड कलाकारों के साथ काम किया।

आरके स्टूडियो नवंबर 2005 में आग लगने के बाद से ही अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। तब सरकार ने बिल्डिंग (जहां आरके स्टूडियो स्थित है) के मालिक रेयाज सोदगर को स्पष्ट निर्देशों के साथ भवन के पुनर्निर्माण की अनुमति दी।

हालांकि इस दौरान किरायेदार-मकान मालिक के रिश्ते खराब न होने का भी निर्देश दिया गया। इस दौरान कुमार ने अपनी व्यावसायिक इकाई (आरके स्टूडियो) को लेने के लिए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने 2014 में आदेश देते हुुए कहा कि कुमार अपना व्यवसाय बिल्डिंग में स्थित दुकान से संचालित कर सकेंगे। सरकार ने 16 जुलाई 2018 को कुमार को दुकान का कब्जा दे दिया। हालांकि कुमार का आरोप है कि बिल्डिंग का मालिक उनके कारोबार के संचालन में बाधाएं उत्पन्न करता रहता है। आरके स्टूडियो के प्रति सरकार की उपेक्षा के मद्देनजर कुमार, वर्तमान में अपनी पत्नी के साथ पहलगाम में एक होटल में रह रहे हैं और स्टूडियो को फिर से शुरू करने के लिए तरस रहे हैं।

राजकपूर के मुरीद रविंदर कुमार
करीब 45 साल पहले जब राजकपूर पहलगाम आए तो उन्होंने रविंदर कुमार को ड्रिंक के लिए ऑफर किया लेकिन रविंदर ने इंकार कर दिया। साथ ही बॉलीवुड में एंट्री से भी मना कर दिया। रविंदर ने तब राजकपूर को कहा कि वह कश्मीर में ठीक हैं और मुंबई नहीं जाना चाहते। दरअसल कुमार की इच्छा राजकपूर की विरासत को संजोए रखनी थी इसलिए उनके स्टूडियो का नाम भी आरके स्टूडियो पड़ा।

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