जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद कर्फ्यू लगा है। घाटी में लोगों का एक साथ किसा स्थान पर जमा होने की मनाही है। आज पांचवें दिन भी कर्फ्यू लगा है। जुमे के दिन शुक्रवार को भी कोई छूट नहीं मिलने वाली है। ईद-उल-अजहा के लिए लोग बाजार खरीदारी के लिए नहीं जा सकते हैं। उनकी जिंदगी घरों तक ही सिमित है।
सीआरपीएफ के अधिकारी का कहना है कि हमें कर्फ्यू में ठील देने की कोई ऑर्डर दिए गए हैं। हालांकि गुरूवार को कश्मीर में कुछ सिविलियन की गाड़ी सड़कों पर देखी गई। हालांकि प्रशासन सामान्य स्थिति को बहाल करने के लिए उत्सुक है, लेकिन इस बात की आशंका है कि शुक्रवार की जुमे की नवाज में हिंसा हो सकती है।
श्रीनगर से सटे सोलिना के रहने वाले मंजोर अहमद कहते हैं, ‘ईद-उल-अजहा का त्योहार करीब है। पर, अभी तक स्थितियों के बेहतर होने का कोई संकेत नहीं है। यह ठीक ऐसा है कि जैसे जम्मू-कश्मीर के लोगों ने इस साल त्योहार मनाने में सक्षम नहीं होने के लिए खुद को समेट लिया है।’
उधर, मुख्यधारा के राजनीतिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित 400 से अधिक लोग विभिन्न स्थानों पर पुलिस हिरासत में हैं। इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने जरूर जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि राज्य में लागू मौजूदा कड़े प्रतिबंधों के दौरान आम लोगों को किसी भी हालत में कोई परेशानी न हो। उधर, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव ने सरकारी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से काम पर वापस लौटने का निर्देश दिया है। इसके अलावा सांबा जिले में शुक्रवार (9 अगस्त) से सभी स्कूल पहले की तरह खुलेंगे।