आयुर्वेद के अनुसार दस्त की समस्या अपच के कारण होती है. ऐसे में इस परेशानी से राहत पाने में दालचीनी का सेवन करना बहुत ज्यादा उपयोगी है. तासीर में गर्म होने के कारण यह पित्त बढ़ाती है. पित्त को पाचनतंत्र के लिए सबसे सहायक माना गया है. दवा के रूप में इसका चूर्ण खासतौर पर लिया जाता है. यह पेट में जाकर संतुलन बनाकर पित्त की वृद्धि करती है जिससे पाचनतंत्र को आराम मिलता है व विषैले तत्त्व एकदम से बाहर निकालने के बजाय धीरे-धीरे निकलते हैं. ये स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभकारी है.
इसका कार्य जठराग्नि को संतुलित बनाए रखना भी है ताकि भोजन का पाचन अच्छे से हो सके. डायबिटीज रोगियों के लिए यह चूर्ण फायदेमंद है. मिश्री के साथ इसे लेने से एसिडिटी की पुरानी समस्या में फायदा होता है. दालचीनी, आंवला, बहेड़ा और हरड़ को मिक्स कर शहद के साथ लेना कोलाइटिस के लिए लाभकारी है.