सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को पत्रकार तरुण तेजपाल की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए यौन शोषण के आरोपों को रद्द करने की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने मामले में छह महीने के भीतर सुनवाई समाप्त करने का भी आदेश दिया।
तेजपाल ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था जिसने तेजपाल के खिलाफ दुष्कर्म, उत्पीड़न सहित अन्य धाराओं में आरोप तय किए थे। उसने दोषी नहीं होने का दावा किया और खुद को निर्दोष बताया।
एक पूर्व जूनियर महिला सहकर्मी ने तहलका संस्थापक पर 2013 में गोवा में उनके द्वारा आयोजित एक सम्मेलन थिंकफेस्ट के दौरान दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। उन्होंने खुद पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया था। अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद क्राइम ब्रांच ने 30 नवंबर 2013 को उन्हें गिरफ्तार किया था। वह मई 2014 से जमानत पर हैं।
तेजपाल ने बंबई उच्च न्यायालय द्वारा 20 दिसंबर 2017 को आरोप खारिज करने की उनकी याचिका को नामंजूर करने के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।