पाकिस्तान के बहुत सारे डॉक्टर्स हैं जो साऊदी अरब में रह रहे थे। वो पहले से ही जॉबलेस थे लेकिन अब सऊदी सरकार ने अब पाकिस्तान से मास्टर ऑफ सर्जरी और मास्टर ऑफ मेडिसिन की डिग्री लेकर आए पाकिस्तानी डॉक्टरों को आयोग्य ठहरा दिया है। जिसके बाद पाकिस्तानी डॉक्टरों को वापस अपने देश पाकिस्तान आना पड़ रहा है।
वहां की सरकार का मानना है कि पाकिस्तान के इन दोनों डिग्री वाले डॉक्टर्स की पढ़ाई उस स्तर की नहीं कि उन्हें यहां प्रैक्टिस करने दिया जाए। सबसे ज्यादा पाकिस्तानी डॉक्टर सऊदी अरब में हैं। पिछले महीने लिए गए इस फैसले के बाद हजारों डॉक्टरों की नौकरी चली गई थी। इन डॉक्टरों को सऊदी छोड़ने के लिए कहा गया था। अब ये डॉक्टर वापस पाकिस्तान जा रहे हैं।
मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने सऊदी अरब के स्वास्थ्य आयोग द्वारा जारी किए गए टर्मिनेशन लेटर में कहा गया था कि सऊदी सरकार अब पाकिस्तानी स्नातकोत्तर डिग्री कार्यक्रमों, एमएस और एमडी को मान्यता नहीं देती है। मेडिकल लाइसेंस के लिए उनकी योग्यता अस्वीकार्य है। एक लेटर में लिखा गया है, “पेशेवर योग्यता के लिए आपका आवेदन अस्वीकार कर दिया गया है। वजह ये है कि पाकिस्तान से आपकी मास्टर डिग्री SCFHS नियमों के मुतबिक स्वीकार्य नहीं है।”
अब कोई विकल्प नहीं बचा है पाकिस्तानी डॉक्टरों के पास
पाकिस्तानी न्यूज़ एजेंसी डॉन के मुताबिक, लेटर पाने वाले पाकिस्तानी डॉक्टरों को सऊदी अरब छोड़ने और प्रत्यर्पण के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। सऊदी मंत्रालय ने दावा किया कि डिग्री में वरिष्ठ नौकरियों के लिए आवश्यक चिकित्सा प्रशिक्षण का अभाव था। इस खबर से काफी पाकिस्तानी डॉक्टरों को झटका लगा है, जिनमें से कई सऊदी अरब में दशकों से काम कर रहे हैं। अब वो या अपने देश वापस जा रहे हैं या जाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा और कोई भी विकल्प उनके पास नहीं बचा है।
सऊदी अरब में रह रहे एक पाकिस्तानी डॉक्टर जाहिद का भी मेडिकल लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। उन्होंने मिडिलईस्ट आई से बातचीत में कहा, ‘हॉस्पिटल में मेरे सहकर्मी मुझे जज करते हैं। उनको लगता है कि मैं यहां फर्जी डिग्री के साथ आया हूं. मेरे अब तक के किए काम पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। मेरा रोजगार खतरे में है।’
उनका भविष्य अधर में है
आगे जाहिद ने कहा, ‘सऊदी के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रातों-रात बिना किसी नोटिस के ये फैसला ले लिया। हमें बिल्कुल नहीं पता कि हमारे साथ आगे क्या होने वाला है।’ जाहिद ने बताया कि वो बेहतर जिंदगी का ख्वाब देखकर अपने परिवार के साथ सऊदी अरब आए थे और यहां पाकिस्तान से 10 गुना ज्यादा कमाते थे। जाहिद ने सऊदी आयोग को इस संदर्भ में आवेदन दिया था। लेकिन 10 महीने बीत चुके है। उन्हें अब तक कोई जवाब नहीं मिला। वो कहते हैं, ‘सऊदी में मेरा भविष्य अधर में है. मेरे साथ परिवार भी है। यहां स्कूल में मेरे बच्चे पढ़ते हैं। अगर मेरी नौकरी चली गई तो सब कुछ बर्बाद हो जाएगा। अगर मेरा प्रत्यर्पण होता है, तो ये भी तय नहीं है कि पाकिस्तान में मैं अपने परिवार का गुजारा कर पाऊंगा। वहां के हालात पहले से ही अनिश्चित हैं।’