माता-पिता बनना इतना सरल नही है. अपने बच्चे को छोटी बड़ी बहुत सी चीजों के बारे में बताना आपका कार्य है. शिष्टाचार से जुड़े पाठ पढ़ाने कार्य भी आपका ही है क्योंकि बच्चे की पहली गुरु उसकी मां ही होती है. यदि आपका बच्चा जिंदगी से जुड़े शिष्टाचार को नही समझ पाएगा तो इस बात की पूरी जिम्मेदारी केवल उसके अभिभावक की होगी. ऐसा ही एक शिष्टाचार है खाने का जिस पर बहुत से अभिभावक ध्यान नहीं देते हैं. डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना खाने का उपाय अपने बच्चे को सिखाने का बहुत महत्वपूर्ण है. इससे बच्चे को खाने की सम्मान भी पता चलेगी. अगर आप भी बच्चे को डायनिंग टेबल के ढंग बताना चाहते हैं तो ये ढंग आपके कार्य आएंगे.बच्चों को सिखाएं कैसे खाएं बच्चे को सिखाते समय बहुत संयम की आवश्यकता होती है क्योंकि खाने- पीने के मामलें में वो थोड़ा लापरवाह होते हैं. लेकिन इन आदतों को बचपन से डालने की प्रयास करें क्योंकि बड़े हो जाने पर उन्हें कुछ भी समझाना इतना सरल नहीं होगा. इसलिए खाना किस तरह से चबाकर खाएं या फिर कांटे व चाकू का प्रयोग कैसे करें. इन सबके बारे में पहले ही बताएं ताकि बड़े होने पर कहीं बाहर अगर आपका बच्चा जाए तो उसे शर्मिंदगी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
बच्चों को हल्के- फुल्के अंदाज में खाने का उपाय बताएं. जिससे उसे सारी बातें अच्छे से समझ आ जाए. डायनिंग टेबल पर कौन सा सामान कहां रखा जाएगा. इसको सिखाने का सबसे अच्छा उपाय है कि इस कार्य में उसकी मदद ली जाए. जब आप उससे डायनिंग टेबल को लगाने के लिए कहेंगी तो उसे अच्छे से समझ आएगा.
क्या सिखाना चाहिए बच्चों को मुंह बंद करके खाना सिखाएं. उन्हें छोटे-छोटे टुकड़े में रोटी खाना सिखाएं ताकि स्वास्थ्य भी अच्छा रहे व बच्चों के भीतर मैनर्स भी विकसित हों. बच्चों को नैपकिन को ढ़ंग से रखना सिखाएं. उन्हें बताएं कि नैपकिन का प्रयोग मुंह पोंछने के लिए कैसे करें?
प्लीज व थैंक्यू बोलना सिखाएं
अपने बच्चे को थैंक्स व प्लीज बोलना जरूर सिखाएं. अगर कोई आपके बच्चे की मदद करता है व कुछ खाने को देता है तो बच्चे को उसे थैंक्स जरूर कहना चाहिए. बच्चा किसी के घर जाता है व कोई उसे चॉकलेट देता है तो उसे थैंक्स कहने की आदत जरूर डलवाएं.