लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद भी अपेक्षित सफलता न मिलने पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ट्रैक बदल दिया है। समाजवादी पार्टी से गठबंधन पीड़ित के बाद अब मायावती ने उनके मूल वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर ली है। मायावती ने इसी क्रम में अपने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान एक मुसलमान को दी है। इतना ही नहीं मायावती ने यादव तथा ब्राह्मणों को भी साधा है। लोकसभा में श्याम सिंह यादव को संसदीय दल का नेता तथा रितेश पांडेय को उप नेता की कमान दी गई है।
मायावती का बसपा संगठन में
विधानसभा उप चुनाव की जोरदार तैयारी में लगीं मायावती का बसपा संगठन में उलटफेर जारी है। मायावती ने मुस्लिम वोट कार्ड चलते हुए पुराने वफादार मुनकाद अली को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया। इतना ही नहीं गठबंधन तोड़ने के बाद समाजवादी पार्टी के यादव वोटबैंक पर भी निगाहें लगी है। लोकसभा चुनाव के बाद मायावती ने सपा से गठबंधन तोड़ा और यह भी आरोप लगाया कि अखिलेश यादव का अपने कोर यादव वोटर पर पकड़ कमजोर हुई है। लिहाजा मायावती अब यादवों को अपने पाले में लाने की जुगत में हैं। यादवों मेें सेंध लगाने के लिए नौकरशाह से सांसद बने श्याम सिंह यादव को लोकसभा में दलनेता नियुक्त किया है।
इसके साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को प्रोन्नत कर राष्ट्रीय महासचिव बनाया है। सोशल इंजीनियङ्क्षरग की मजबूती के लिए रितेश पांडेय लोकसभा में उपनेता बनाए गए जबकि सांसद गिरीश चंद्र जाटव लोकसभा में मुख्य सचेतक बने रहेंगे।
बसपा ने मुस्लिम चेहरे को
पहली बार बसपा ने मुस्लिम चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। अब से पहले अति पिछड़ों को प्रदेश की कमान दी जाती रही है। राज्यसभा के पूर्व सदस्य मुनकाद अली को बसपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे उनकी वफादारी को भी प्राथमिकता पर लिया जा रहा है। दरअसल, मुनकाद अली ने अपनी राजनीतिक शुरुआत बसपा से ही की और पार्टी में हर उतार-चढ़ाव के बावजूद पार्टी से जुड़े रहे। इसके अलावा मुस्लिमों को साधने के लिए भी बसपा का यह कार्ड है, क्योंकि पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बाद बसपा का बड़ा मुस्लिम चेहरा मुनकाद अली को ही माना जा रहा है।
लोकसभा चुनाव में हारने के बाद से प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा की कुर्सी खतरे में दिख रही थी। इसी कारण कुशवाहा को हटाकर मायावती ने मुनकाद अली को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर अर्से बाद किसी मुस्लिम नेता की ताजपोशी चैंकाने वाली है। मेरठ निवासी मुनकाद अली को प्रदेश संगठन की कमान सौंप मायावती ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में मजबूती बढ़ाने का प्रयास किया है। पश्चिम में दलित मुस्लिम गणित के अलावा अन्य क्षेत्रों में पिछड़ा- दलित समीकरण को पुनर्जीवित करने की कोशिश की है।