बिहार के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में कुल 15 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बिहार मंत्रिमंडल की हुई बैठक में फैसला किया गया कि बिहार में रहने वाली संतानें अगर अब माता-पिता की सेवा नहीं करेंगी तो उन्हें जेल की सजा हो सकती है।
माता-पिता की शिकायत मिलते ही ऐसी संतानों पर कार्रवाई होगी। यानी अब बिहार में अपने बूढे माता-पिता की सेवा नहीं करने पर जेल भी जाना पड़ सकता है। वहीं बिहार मंत्रिपरिषद ने पुलवामा में शहीद हुए बिहार के सीआरपीएफ जवानों के परिजन को सरकारी नौकरी देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने पत्रकारों को बताया कि मंत्रिपरिषद ने पुलवामा हमले में शहीद हुए बिहार के जवानों के आश्रितों को तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरी देने को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने बताया कि शहीद हुए जवानों की पत्नी की लिखित अनुशंसा पर उनके आश्रितों को नौकरी दी जाएगी। बता दे, जम्मू कश्मीर के पुलवामा में इस साल फरवरी में फिदायीन आतंकी ने सीआरपीएफ की कर्मियों को ले जा रही बस पर हमला कर दिया जिसमें बल के 40 जवान शहीद हो गए थे जिनमें से दो जवान भागलपुर निवासी रतन कुमार ठाकुर और पटना जिले के रहने वाले संजय कुमार सिन्हा शामिल थे। मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री वृद्धा पेंशन योजना को ‘राइट टू सर्विस एक्ट’ के दायरे में लाने पर भी मुहर लगा दी है। संजय कुमार ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने 55.84 करोड़ रुपए की लागत से पटना में बनने वाले क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के लिए विदेश मंत्रालय को 1.46 एकड़ भूमि हस्तांतरण करने को भी मंजूरी दे दी है।
मंत्रिपरिषद ने सुपौल जिले में 130 मेगावाट की डगमरा जल विद्युत परियोजना के डीपीआर तैयार करने के लिए 11.68 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान कर दी है। बैठक में राज्य के वृद्धजन पेंशन योजना को भी बिहार लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम 2011 के दायरे में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
अब किसी भी बुजुर्ग द्वारा दिए गए आवेदन का निपटारा प्रखंड विकास पदाधिकारी को 21 दिनों के अंदर करना होगा। इसके अलावा भागलपुर में गंगा नदी पर विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुलनिर्माण पर मुहर लग गई है बताया जा रहा है कि यह पुल करीब तीन करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। साथ नीतीश कैबिनेट ने फैसला लिया है कि गुणवत्ता पूर्ण बीज के लिए 76.56 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।