इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने गगनयान प्रोग्राम (Gaganyaan Program) के लिए लिक्विड प्रोपेलेंट विकास इंजन के तीसरे लॉन्ग ड्यूरेशन हॉट टेस्ट सफलतापूर्वक कर दिया है. गगनयान अंतरिक्ष भेजे जाने वाला देश का पहला मानवयुक्त मिशन है.
गगनयान मिशन भारत का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन है. जिसके जरिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष तक भेजा जाएगा. इन यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेज और उन्हें वापस धरती पर लाने की क्षमता प्रदर्शित करना है.
भारत ने इस मिशन की तैयारी 2014 में ही कर ली थी जब जीएसएलवी मार्क 3 के जरिए मॉड्यूल को टेस्ट किया गया था. तारीख थी 18 दिसंबर 2014, मॉड्यूल का नाम CARE रखा गया था CARE यानी क्रू मॉड्यूल एटमॉस्फेरिक री एंट्री एक्सपेरिमेंट जो कि अंतरिक्ष तक पहुंच कर धरती की सतह पर लौट आया था जिसके बाद उस कैप्सूल को बंगाल की खाड़ी में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास से रिट्रीव किया गया था.
इसरो ने एक बयान में कहा कि यह परीक्षण गगनयान कार्यक्रम के लिए इंजन योग्यता जरूरत के तहत जीएसएलवी एमके 3 यान के एल 110 तरल चरण के लिए किया गया. इसमें कहा गया है कि इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी), महेंद्रगिरि, तमिलनाडु के परीक्षण केंद्र में इंजन को 240 सेकंड के लिए फायर किया गया.