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मीरां शाह वेलफेयर सोसायटी ने कराया नातिया मुकाबला का आयोजन

 

लखनऊ। मीरा शाह वेलफेयर सोसाइटी के तहत चिनहट स्थित दरगाह मीरा शाह में नात ख्वानी का सालाना मुकाबला हुआ। दो चरणों में हुए मुकाबले में 2 दर्जनों शिक्षण संस्थानों के 10 दर्जन छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर अपनी क्षमता, प्रतिभा एवं रुचि का परिचय दिया। प्रतियोगिता दरगाह के सज्जादानशीन एवं संरक्षक सैयद मोहम्मद अतीक शाह की देखरेख में हुई।पहले छात्राओं, फिर छात्रों ने नातें पेश की। निर्णायक दल के फैसले से दोनों ग्रुपों के 10-10 टॉपर्स को दूसरे चरण में नात पढ़ने का मौका दिया गया।दूसरे चरण में सभी प्रतिभागियों से धार्मिक और ऐतिहासिक जानकारी पर आधारित प्रश्न पूछे गए।जिन प्रश्नों का उत्तर छात्र नहीं दे सके, वे प्रश्न दर्शकों से पूछे गए।

प्रतियोगिता का यह चरण अत्यंत रोचक एवं आकर्षक रहा। जवाब देने के लिए विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी काफी उत्साहित दिखे। प्रतियोगिता में छात्राओं के समूह में इक़रा, उज़मा,महिम बानो को पहले तीन स्थान प्राप्त हुए। जबकि छात्रों के समूह में फज़ल हुसैन, तहसीन रज़ा, मोहम्मद अनस और साकिब अली को पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रथम स्थान पाने वाले विजेताओं को एक शील्ड, प्रमाण पत्र और एक वर्ष की फीस का चेक दिया गया। वहीं दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे विजेताओं को शील्ड, प्रशस्ति पत्र और नकद इनाम दिए गये। इसके अलावा सभी प्रतिभागियों को मेडल और गर्म कम्बल प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा उप्र के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली, लखनऊ शहर अध्यक्ष डा शादाब आलम, सेवा निृवत आईपीएस रुचिता चौधरी,उत्तर प्रदेश जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन के चेयरमैन अजीज सिद्दीकी, महामंत्री अब्दुल वहीद, सै. आरिफ मियां कादरी नक्शबंदी, मुहम्मद इमरान खान, करामत हुसैन मुस्लिम गल्र्स पीजी कालेज के प्रंबंधक नवेद सिद्दीकी, सलाहुद्दीन शिबू एडवोकेट, अनवर आलम, मुजीबुर्रहमान, मुहम्मद जमाल, शबाब नूर, शादाब रज़ा, जमील मलिक, मुहम्मद शोएब, महमुदुर्रहमान पम्मू, सलमा उबैद डा लुबना कमाल, इफतेखार अहमद भी शामिल हुए और उन्हें सोसाईटी की ओर से शाल और गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया गया। इन अतिथियों द्वारा सभी बच्चों को पुरस्कार प्रदान किये गये। कार्यक्रम का संचालन मुहम्मद गफरान नसीम ने किया। इस मौके पर दरगाह मस्जिद के इमाम कारी अब्दुल कलाम, दरगाह मदरसे के प्रिंसपल मौलाना अबुल कलाम, हाफिज़ मुहम्मद आरिफ, दरगाह कमेटी की सचिव डॉ खुशनमा अतीक, शबाना, शगुफ्ता, प्रीति ने भी निर्णायक की भूमिका निभायी। इस दौरान बीमारी के बावजूद सोसायटी के संरक्षक सैयद मुहम्मद शफीक शाह भी मौजूद रहे। उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की गई. रात्रि 12.30 बजे तक चली प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। इससे पर्वू सुबह दरगाह में कुरआन ख्वानी हुई और कुल शरीफ हुआ। दिन भी लंगर भी चलता रहा।

अयोध्या के लोकप्रिय साहित्यकार यतीन्द्र मिश्र को मिला साहित्य सम्मान

 

 

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