कैबिनेट कर्माचरियों के कार्यालय, सुरक्षा, स्वास्थ्य व वर्किंग कंडीशन पर बने ओएसएच कोड पर विचार कर सकती है. कैबिनट बुधवार को मिल सकता है. नरेन्द्र मोदी सरकार दूसरी बार सत्ता में आई है, ऐसे में सरकार लेबर रिफॉर्म को लेकर तेजी से कार्य कर सकती है. अगर इसे कैबिनेट की मंजूरी मिलती है तो ये सरकार का दूसरा बड़ा लेबर रिफॉर्म होगा. इससे पहले बीते सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘वेतन संहिता विधेयक 2019’ को मंजूरी दी थी. इस विधेयक के लागू हो जाने के बाद केन्द्र सरकार देशभर के कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन तय करेगी, जिससे कम वेतन प्रदेशसरकारें नहीं दे पाएंगी. इस बिल के इसी संसद सत्र में पेश किए जाने की आसार है.
अधिकारियों के मुताबिक एनडीए सरकार इन दोनों बिल को पेश करने व पास कराने की बहुत ज्यादा इच्छुक है. ओएसएच कोड के तहत 40 करोड़ संगठित वअसंगठित क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों को जोड़ने की योजना है. इसके तहत 13 श्रमिक कानून जिसमें फैक्ट्री एक्ट, माइन्स एक्ट, कार्य करने वाले पत्रकार वन्यूजपेपर कर्मचारी एक्ट में शामिल है.
देश के लेबर कानून बहुत ज्यादा जटिल हैं व सरकार इसे सरल बनाना चाहती है. इन्हें चार कोड मजदूरी (wages), ओएसएच, इंडस्ट्रियल रिलेशन व सामाजिक सुरक्षा पर फोकस करना है.