केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार प्रशासन के शीर्ष स्तर पर बड़ी संख्या में बाहरी विशेषज्ञों की तैनाती पर विचार कर रही है. खास बात ये है कि ये तैनाती ना सिर्फ जॉइंट सेक्रेटरी, बल्कि लोअर डिप्टी सेक्रेटरी व डायरेक्टर लेवल पर भी हो सकती हैं. सरकार यह कदम प्रशासनिक कामों में विशेषज्ञता व बेहतरी लाने के उद्देश्य से उठा रही है. द भारतीय एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बीती 3 जून को डिपार्टमेंट ऑफ व्यक्तिगत एंड ट्रेनिंग के सचिव ने अपने विभाग की एक मीटिंग ली थी. इस मीटिंग में सचिव ने एक प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए हैं, जिसके तहत प्राइवेट सेक्टर के करीब 400 विशेषज्ञों को सेंट्रल स्टाफिंग स्कीम के तहत डिप्टी सेक्रेटरी व डायरेक्टर की पोस्ट पर भर्ती करने को बोला गया है.बता दें कि सरकार में सेंट्रल स्टाफिंग स्कीम के तहत डिप्टी सेक्रेटरी व डायरेक्टर स्तर के कुल 650 पद हैं. अब ऐसे में 400 पदों पर प्राइवेट सेक्टर के विशेषज्ञों की भर्ती का मतलब है कि प्रशासन के इन अहम पदों के 60 फीसदी पर व्यक्तिगत क्षेत्र के विशेषज्ञों का अतिक्रमण हो जाएगा. उल्लेखनीय है कि अभी तक जॉइंट सेक्रेटरी व डायरेक्टर जैसे पद भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के माध्यम से भरे जाते रहे हैं. वहीं डिप्टी सेक्रेटरी व डायरेक्टर के 650 पद केन्द्रीय सचिवालय सर्विस में प्रमोशन द्वारा भरे जाने हैं. सरकार इन पदों पर व्यक्तिगतक्षेत्र के विशेषज्ञों की भर्ती नहीं कर सकती, क्योंकि इसके लिए सरकार को केन्द्रीय सचिवालय सर्विस रूल्स, 2009 में परिवर्तन करने की जरुरत पड़ेगी. डिपार्टमेंट ऑफ व्यक्तिगत एंड ट्रेनिंग के ऑफिसर वैसे व्यक्तिगत क्षेत्र के विशेषज्ञों की भर्ती के लिए भर्ती प्रक्रिया व योग्यता मापने की प्रक्रिया को अंतिम रुप देने में जुटे हैं.
सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग में 516 पदों में से 54 पदों पर व्यक्तिगत क्षेत्र के विशेषज्ञों की भर्ती किए जाने पर विचार किया जा रहा है. मौजूदा समय में जॉइंट सेक्रेटरी जैसे अहम पद पर, जिसे आमतौर पर प्रशासन की अहम कड़ी माना जाता है, भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के माध्यम से ही लोग चुने जाते हैं. इसके साथ ही सरकार ने केन्द्रीय मंत्रियों के व्यक्तिगत सचिव व ओएसडी जैसे पदों पर सेवा की अवधि 5 वर्ष तक के लिए सीमित कर दी है. इसका मतलब ये हुआ कि 5 वर्ष के बाद केन्द्रीय मंत्रियों के व्यक्तिगत सचिव वओएसडी बदल दिए जाएंगे. वहीं नरेन्द्र मोदी सरकार ने एनएसए अजीत डोवाल के बाद प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रमुख सचिव नृपेन्द्र मिश्रा व अलावा प्रमुख सचिव पीके मिश्रा को भी कैबिनेट मंत्री का पंजीकृत दिया गया है.