लखनऊ। लगातार पांच साल से मंत्रियों के साथ तैनात निजी सचिव, अपर निजी सचिव तथा अन्य कर्मचारी हटाए जाएंगे। भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। निजी सचिव, अपर निजी सचिव तथा समूह ‘ख’ और ‘ग’ के कर्मचारियों की तैनाती को समयसीमा में बांध दिया है।
मंत्रियों के साथ
नई व्यवस्था में ऐसे अधिकारी / कर्मचारी अधिकतम पांच साल ही मंत्रियों के साथ तैनात रह सकते हैं। सचिवालय प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने इस आशय का शासनादेश जारी किया है। शासन ने यह कदम कुछ माह पूर्व एक स्टिंग में कुछ निजी सचिवों का नाम आने के बाद लिया है। मंत्री यदि दूसरी बार फिर से मंत्री बनते हैं तो पूर्व के कार्यकाल में उनके साथ पांच साल तक तैनात रहे अधिकारी/कर्मचारी फिर से उन्हें नहीं मिल पाएंगे।