अगले पांच महीने यानी 1 अक्टूबर 2019 से पूरे देश में व वाहनों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) एक जैसे होंगे। मतलब साफ है कि अब हर प्रदेश में अब डीएल व आरसी का कलर एक जैसा ही होगा व उनमें जानकारियां समान स्थान पर ही होंगी। इसको लेकर केन्द्र सरकार नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है। देश में प्रतिदिन करीब 32,000 डीएल या तो इशू होते हैं या रीन्यू किए जाते हैं। इसी तरह प्रतिदिन करीब 43,000 गाड़ियां रजिस्टर या री-रजिस्टर होती हैं। इस नए डीएल या आरसी में 15-20 रुपये से अधिक का खर्च नहीं होगा। ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक इस परिवर्तन से ट्रैफिक का जिम्मा संभालने के जिम्मेदारों को भी सहूलियत होगी।
(1) बदल जाएगा आपका DL- इस निर्णय से डीएल व आरसी में जानकारियों को लेकर भ्रम की स्थिति नहीं बनेगी। अब तक हर प्रदेश अपनी सुविधा के अनुसार ही डीएल व आरसी का फॉर्मेट तैयार करता है। जिसकी वजह से किसी प्रदेश में कुछ जानकारियां अगर डीएल के फ्रंट पर हैं तो कुछ राज्यों में वहीं जानकारियां पीछे की ओर होती हैं। लेकिन अब सभी राज्यों में जो भी डीएल या आरसी बनेंगे, उनमें एक जैसी स्थान पर ही जानकारी दी जाएगी।
>> मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक इस बारे में उनके मंत्रालय ने 30 अक्टूबर 2018 को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी करके सभी पक्षों से इस बारे में राय मांगी थी। सभी पक्षों से आने वाले सुझावों के आधार पर अब सरकार ने नया नोटिफिकेशन जारी किया है।
(2) अब स्मार्ट होगा DL- इन स्मार्ट ड्राइविंग लाइसेंस डीएल व आरसी में माइक्रोचिप व क्यूआर कोड होंगे जिसके चलते अतीत में किए गए नियम उल्लंघनों को छिपाना लगभग असंभव होगा।
>> इस क्यूआर कोड के जरिए केंद्रीय औनलाइन डेटाबेस से ड्राइवर या वाहन के पिछले रिकॉर्ड को एक डिवाइस के जरिए पढ़ा जा सकेगा।
>> ट्रैफिक पुलिस को उनके पास उपस्थित डिवाइस में कार्ड को डालते ही या क्यूआर कोड को स्कैन करते ही गाड़ी व ड्राइवर की सारी डिटेल मिल जाएंगी।
>> इस नोटिफिकेशन के मुताबिक सभी राज्यों को एक अक्टूबर से ड्राइविंग लाइसेंस व वाहनों की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पीवीसी आधारित बनाने होंगे या फिर पोलिकार्बोनेट होंगे।
>> इनमें चिप भी लगी होगी व जानकारी भी उसी फॉर्मेट में होगी, जिसमें केन्द्र सरकार ने नोटिफाई किया है।