नई दिल्ली। भारत-फ्रांस के बीच परमाणु ऊर्जा, सुरक्षा और गोपनीय सूचना समेत 14 agreements पर हस्ताक्षर हुए। इसमें 16 अरब डॉलर के समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इसमें भारत और फ्रांस ने आतंकवाद और कट्टरता के खतरों से निपटने के साथ मिलकर काम करने का फैसला लिया है। भारत की डिग्री अब फ्रांस में भी मान्य होगी। दोनों देशों ने जॉइंट स्ट्रैटेजिक विजन पर साइन किए। हैदराबाद हाउस से फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के साथ ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, भारत-फ्रांस की साझेदारी सदियों पुरानी है। रक्षा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में दोनों देश के सहयोग का इतिहास बहुत पुराना है। भारत-फ्रांस रिश्ते हर सरकार में मज़बूत होते रहे हैं। हमारी मुलाकात दो सभ्यताओं का मिलन है। हम मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि डिफेंस के सेक्टर में ‘मेक इन इंडिया’ के तहत हम फ्रांस के निवेश का स्वागत करते हैं।
दोनों देशों के बीच ये हैं 14 agreements
1. ड्रग्स की तस्करी और उसकी रोकथाम, 2.माइग्रेशन और मोबिलिटी पार्टनरशिप, 3. एजुकेशन, 4. रेलवे में तकनीकी सहयोग बढ़ाना, 5. इंडो-फ्रांस रेलवे फोरम का गठन, 6.ऑर्म्ड फोर्स में लॉजिस्टिक सपोर्ट, 7. पर्यावरण, 8.अर्बन डेवलपमेंट, 9. गोपनीय जानकारी को तीसरे पक्ष को साझा नहीं करना, 10.मैरीटाइम अवयेरनेस मिशन, 11. न्यूक्लियर पावर में सहयोग, 12.हाइडोग्राफी और मैरीटाइम कार्टोग्राफी में सहयोग, 13. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सहयोग, 14.सोलर एनर्जी।
संबंधों के उज्जवल भविष्य के लिए लोगों का लोगों से मिलन
पीएम मोदी ने कहा कि द्विपक्षीय रिश्तों में ताज़ी पहल पर बात करते हुए कहा कि शिक्षा योग्यता को दोनों देश मानेंगे। भारत की डिग्री फ्रांस में मान्य होगी। दोनों देशों ने ज्वाइंट स्ट्रैटिजिक विजन भी बनाया है। पीएम ने आगे कहा कि हम मानते हैं कि हमारे संबंधों के उज्जवल भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण लोगों का लोगों से संबंध है।
राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा फ्रांस, भारत का सबसे बेहतरीन साझीदार
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि फ्रांस, भारत का सबसे बेहतरीन साझीदार देश और यूरोप में भारत के प्रवेश का बिंदु होना चाहिए। मैक्रों ने कहा कि हमारा पहला उद्देश्य रक्षा, अनुसंधान एवं विज्ञान, विशेष रूप से युवा, उच्च शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी का नया युग शुरू करना है। मैक्रों ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि आतंकवाद के संदर्भ में दोनों देशों के बीच कई सामान्य चुनौतियां और साझा जोखिम हैं।