लखनऊ। आज सिटी मोन्टेसरी स्कूल के कक्षा-12 के 2748 छात्रों के प्रतिनिधि छात्रों व उनके अभिभावकों ने एक ऑनलाइन प्रेस कान्फ्रेन्स में 12वीं की बोर्ड परीक्षा कराने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि कक्षा-12 की बोर्ड परीक्षा अवश्य कराई जाए जिससे देश के लाखों छात्रों के दो वर्षों के कठिन परिश्रम का वास्तविक परिणाम उन्हें मिल सके और उनके भविष्य के साथ न्याय हो सके। इन छात्रों में एकलव्य अग्रवाल, श्रुति शुक्ला, स्नेहा अरोरा और एकाग्र गुप्ता ने कोरोना संक्रमण के तेजी से घटते स्तर के बावजूद परीक्षा न होने की दशा में अपने भविष्य को लेकर लिए गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा की 30-30-40 के फार्मूले वह संतुष्ट नहीं हैं। यह फार्मूला छात्रों की योग्यता, क्षमता व मेधा का सही आकलन नहीं कर सकता है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएमएस संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में बारहवीं की बोर्ड परीक्षा से ही छात्रों का भविष्य निर्धारित होता है। डा. गाँधी ने कहा कि जिस प्रकार भारत सरकार कोविड प्रोटोकाल के साथ नीट एवं आईआईटी-जेईई करा रही है, उसी प्रकार कोविड प्रोटोकाल के साथ सीबीएसई एवं आईसीएसई की कक्षा-12 की परीक्षा भी कराई जाय। इस अवसर पर उपस्थित छात्रों के अभिभावकों ने भी 12वीं की परीक्षा कराने की माँग की।
डा. गाँधी ने छात्रों व अभिभावकों की माँग का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भारत सरकार के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल को पत्र लिखकर मार्मिक अपील की है कि बच्चों की मेधा का इस प्रकार अपमान नहीं होना चाहिए। ये बच्चे देश का भविष्य हैं, अतः इनकी मेहनत व भविष्य के साथ अन्याय राष्ट्रहित में नहीं होगा, साथ ही इससे भावी पीढ़ी का मनोबल टूटेगा।