ओडिशा। देश और दुनिया के साथ ओड़िशा के भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (केआईएसएस) के विद्यार्थियों ने भी शुक्रवार को भव्य और अनोखी होली खेली। दुनिया के सबसे बड़े आदिवासी विश्वविद्यालय में केआईएसएस के 40000 (चालीस हजार) विद्यार्थियों ने एक साथ होली मनाई। इसका आयोजन केआईएसएस किस स्थित प्रसिद्ध एथलिट दुती चंद स्टेडियम में किया गया। इसमें देश, दुनिया और उड़िया फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों ने समां बांध दिया। इस दौरान किस के विद्यार्थियों ने योगा और नृत्य कर सबका मन मोह लिया।
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विद्यार्थियों ने हांडी फोड़ी और केआईएसएस और केआईआईटी के संस्थापक डॉ. अच्युता सामंता ने बच्चों के साथ होली मना कर इसकी शुरुआत की। इस दौरान डॉ. सामंता ने देश और दुनिया में बसे सभी भारतीयों होली की शुभकामनाएं दीं। यह दुनिया की पहली होली होगी, जिसमें एक साथ 40 हजार विद्यार्थियों ने एक साथ होली मनाई। उल्लेखनीय है कि केआईएसएस दुनिया का एक मात्र ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां आदिवासी विद्यार्थियों के लिए केजी से पीजी तक पढ़ाई मुफ्त शिक्षा-व्यववस्था है। यहां पर भारत के 17 राज्यों के आदिवासी विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
इन कलाकारों ने मचाया धमाल
कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण ओलिवुड के स्टार अभिनेता सिनेमैटिक क्रिटिक दिलीप हाली, लेखक डॉ. राजनिरंजन, विजय मल्ला, निर्देशक और निर्माता सव्यसाची मोहापात्र, संजय नायक, बसंत साहू, जुबली सुंदर, अजय राउत्रे, तपस सारागरिया, अवतार सिंह, बॉबी इस्लाम, डी. रेड्डी, तिरुपति साहू, प्रदीप दास, प्रीतम, अभिनेता सुकांत रथ, जीत, निरंजन, सागर मोहनती, पूनम, अभिषेक गिरी, अभिनेत्री नम्रता थप्पा, लिप्सा, पुष्पा पांडा, प्रतिभा पांडा, आकांक्षा कबी, बाल कलाकार श्रेयान्शी दास, आद्याशा प्रधान, हास्य कलाकार भक्त प्रह्लाद चरण पटनायक (हाडू), देबू ब्रह्मा, गुदू, गीतकार लक्ष्मीकांत पलित, विद्युत प्रभा पलित, प्रीतिनंदा राउत्रे, अंतर चक्रवर्ती, मोहित चक्रवर्ती, और 60 से अधिक प्रमुख व्यक्तित्व, जिनमें सैलाभामा मोहापात्र और ओडिसी नृत्य गुरु शाश्वत जोशी शामिल थे, कार्यक्रम में उपस्थित होकर छात्रों को प्रोत्साहित किया।
अद्भुत व्यक्तित्व के धनी हैं सामंताः हेंगार्टनर
ईटीएच और यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ज्यूरिख, स्विटजरलैंड के प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो. डॉ. हंस हेंगार्टनर ने कहा, यह नजारा अद्भूत है। इस तरह का नजारा मैंने पहले कभी नहीं देखा। केवल यह नजारा ही नहीं बल्कि केआईएसएस और केआईआईटी के संस्थापक डॉ. अच्युता सामंता अद्भूत व्यक्तित्व के धनी हैं। उन्होंने वह कर दियाखा है, जितना मैं जानता हूं, उतना आज तक किसी ने नहीं किया है। 40 हजार आदिवासी बच्चे एक साथ रंगों का त्यौहार मना रहे हैं। यह अनोखा और अद्भूत दृश्य है।