सिंधु बार्डर पर किसानों के आंदोलन में एक बार फिर बवाल हो गया. 26 जनवरी की हिंसा के बाद किसान संगठनों का विरोध शुरू हो गया है. इस बीच सिंधु बार्डर पर स्थानीय निवासियों और किसानों के बीच जमकर पत्थरबाजी और मारपीट हुई.
जानकारी के अनुसार सिंधु बॉर्डर पर फिर एक बार पुलिसकर्मी पर तलवार चलाने की घटना से किसान आंदोलन को सवालों के घेरे में ला दिया है. स्थानीय लोगों और किसानों के बीच पत्थरबाजी के दौरान अलीपुर एसएचओ पर तलवार से हमला भी हुआ. इस मामले में पुलिस ने 44 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
बताया जा रहा है इनमें अलीपुर एसएचओ को तलवार मारने का आरोपी भी शामिल है. वहीं कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास विफल हो गया है. गाजीपुर से लेकर सिंघु बार्डर तक जितने षड्यंत्र रचे गए, सभी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए किसान दोगुनी मजबूती के साथ आंदोलन से जुड़ गया है.
किसान नेताओं ने शुक्रवार शाम को पत्रकारों से बातचीत करते हुए ऐलान किया कि 30 जनवरी को सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाएगा और इस दिन सभी किसान नेता भूख हड़ताल करेंगे. उन्होंने देशभर के किसान नेताओं ने इस भूख हड़ताल में शामिल होने की अपील की है.
वहीं कुंडली बार्डर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ. दर्शनपाल, बलबीर सिंह राजेवाल, अमरजीत सिंह, शिवकुमार कक्का, जगजीत सिंह डल्लेवाल, युद्धबीर सिंह आदि ने संयुक्त रूप से कहा कि भाकियू नेता राकेश टिकैत ने जिस मजबूती के साथ सरकार के हथकंडे का मुकाबला किया, उसका नतीजा सरकार ने देख लिया होगा.
उन्होंने कहा कि पहले से कई गुना ज्यादा किसान वहां एकत्रित हो गए हैं और यही हाल कुंडली बार्डर का भी है. इसलिए सरकार को ऐसी हरकतों से बाज आना चाहिए और जिद छोड़कर तीनों कृषि कानूनों वापस लेना चाहिए.