• विश्वविद्यालय के चहुमुखी विकास में संकल्पबद्ध होकर योगदान दे- कुलाधिपति
• अयोध्या नगरी दुनियां का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र बनने जा रही है- गिरीशपति
• आज अवध विश्वविद्यालय ज्ञान का एक बहुत बड़ा बट वृक्ष बन गया-कुलपति
अयोध्या। डाॅ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का 49वां स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानन्द सभागार में सोमवार को सांस्कृृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। वहीं विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के 49 वर्ष पूरे होने पर विश्वविद्यालय परिवार और समस्त विद्यार्थियों को बधाई देते हुए अपने संदेश में कहा कि विश्वविद्यालय के चहुमुखी विकास में संकल्पबद्ध होकर योगदान दे ताकि विश्वविद्यालय की गणना सर्वोच्च शिक्षण संस्थानों में हो सके।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यअतिथि महापौर मंहत गिरीश पति त्रिपाठी, विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो प्रतिभा गोयल, कुलसचिव डाॅ अंजनी कुमार मिश्र, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो नीलम पाठक, प्रो आशुतोष सिन्हा, प्रो चयन कुमार मिश्र व परीक्षा नियंत्रक उमानाथ द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया।
स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि हम लोग इतिहास के उस कालखंड में है जब अयोध्या में नया इतिहास बन रहा है। इस समय डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय भी अपना इतिहास बना रहा है।
उन्होंने कहा कि आज हम विश्वविद्यालय का 49वां स्थापना दिवस मना रहे हैं। इस विश्वविद्यालय ने अपनी लंबी यात्रा तय की है यहां के शिक्षा व्यवस्था, यहां की सोच, यहां की संस्कृति, यहां की सामाजिक व्यवस्था में जो विश्वविद्यालय का अनोखा योगदान है, वह अनुपम है।
कार्यक्रम में महापौर ने कहा कि हमारा नगर आध्यात्मिक धार्मिक नगरी है। लेकिन आधुनिक विचारों से उसे जोड़ने का कार्य और उसको प्रभावी ढंग से रखने का काम यदि कोई एक संस्था कर रही है तो वह डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय है।
उन्होंने कहा कि अब अयोध्या वह अयोध्या नहीं रही है। अयोध्या सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र बनने जा रही है। सांस्कृतिक केंद्र सिर्फ मंदिर से नहीं बनेगी। बल्कि इस शिक्षा के मन्दिर से बहुत से शोध, बहुत से विद्वान बहुत से विचार बहुत से इतिहास इस चारदीवारी से निकलेंगे।
भारत-श्रीलंका के सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगा अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विश्वविद्यालय को इस बात के लिए तैयार होना चाहिए कि उसकी बहुत बड़ी सांस्कृतिक भूमिका होगी क्योंकि इस विश्वविद्यालय से निकले विचार केवल अयोध्या तक ही नहीं रहेंगे। बल्कि आपके विचार पूरी दुनिया के लिए होंगे। कार्यक्रम में गिरीशपति ने कहा कि वैसे भी विश्वविद्यालय ज्ञान का मंदिर होता है।
विचारों का सृजन और विचारों के सृजन का जो आनंद है विश्वविद्यालय के अंदर ज्यादा है। क्योंकि उसका वातावरण अलग रहता है छात्र जीवन के बाद जब हम यहां से बाहर जाते हैं और करियर की तरफ आगे बढ़ते हैं तो उन विचारों के आधार पर अपने जीवन को संचालित करते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो प्रतिभा गोयल ने विश्वविद्यालय के 49वें स्थापना दिवस पर समस्त को बधाई देते हुए कहा कि 4 मार्च, 1975 को विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। आज एक बहुत बड़ा बट वृक्ष बन गया है।
हम सभी को ज्ञान के इस मन्दिर में छाया प्रदान करने के साथ निरंतर ज्ञान की मशाल हाथ में लिए अज्ञानता के अंधकार को दूर करने का कार्य कर रहा है। कुलपति ने कहा कि शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान होता है। शिक्षा ही सत्य, विवेक और विवेक में अंतर बताती है। यह काम हमारा विश्वविद्यालय बखूबी कर रहा है।
एआई टूल ने पीएम मोदी पर की ऐसी टिप्पणी, गूगल को मांगनी पड़ी माफी
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नए आविष्कारों की ओर अग्रसर है। विचार, विकास के साथ रोजगार के अवसर भी उपलब्ध रहा है। हमारे लिए यह सबसे बड़े गर्व की बात है। कार्यक्रम में कुलपति प्रो गोयल ने कहा कि विश्वविद्यालय की कुलाधिपति के मार्गदर्शन में हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री, राज्य शिक्षा मंत्री सहित सभी का समय-समय पर मार्गदर्शन मिलने की वजह से हम निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है।
कुलपति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में 700 से अधिक कॉलेज सम्बद्ध है। 7 लाख विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। कैंपस में आर्ट्स, साइंस, इंजीनियरिंग आदि में शिक्षा दी जा रही है। 7000 विद्यार्थी इस कैंपस में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिस विश्वविद्यालय में 7 लाख विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं वह विश्वविद्यालय शिक्षा के प्रचार प्रसार में कितना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा होगा। कुलपति ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से परिवार में अच्छे विचार आते हैं। अच्छे समाज से अच्छे राष्ट्र का निर्माण होता है और राष्ट्रीय की प्रगति होती है।
प्रो गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन 2 साल पूर्व ही शुरू हो चुका है। पिछले 1 साल से वैल्यू बेस्ड शिक्षा प्रदान करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि अनुभूति एक प्रयास के तहत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने अयोध्या के वृद्ध आश्रम को एडॉप्ट किया है।
भाजपा के यादव महाकुंभ पर अखिलेश बोले- ये उनकी पुरानी ट्रिक है, हमारा वजीर तैयार है
विद्यार्थी द्वारा वृद्धजनों से मिलकर उनके अकेलेपन को दूर करने का काम कर रहे है। विश्वविद्यालय ने अयोध्या के सातवें दीपोत्सव में 21 लाख से अधिक दीए प्रज्ज्वलित कर छठी बार गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में नाम दर्ज किया है।
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय की एक रिसर्च पॉलिसी बनाई है। इस पॉलिसी में हर एक रिसर्च करने वाले को, हर एक रिसर्च पेपर पब्लिश करने वाले को और हर एक रिसर्च प्रोजेक्ट लाने वाले को पुरस्कृत करने के साथ बेस्ट रिसर्चर का अवार्ड भी दिया जायेगा।
कुलपति प्रो गोयल ने कहा कि नेट पास करके जो पीएचडी में प्रवेश लिए हैं उनके लिए भी स्कॉलरशिप का प्रावधान किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा कंटेंट कंसल्टेंसी पॉलिसी बनाई है। जिससे ज्यादा से कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट आ सके और विश्वविद्यालय का नाम चारों ओर फैल सके।
विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के सहयोग से हर्बल गार्डेन, कम्पोस्ट प्लांट एवं मशरूम यूनिट शुरू की गई है। अतं में कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान परियोजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा विश्वविद्यालय को 100 करोड़ का अनुदान दिया जाना रहा है।
दिव्यांगजनों के हुनर और कला को सम्मान देने के लिए चार दिवसीय दिव्य अनुभूति मेला का आयोजन
कुलपति ने बताया कि देशभर के 26 विश्वविद्यालयों में छह विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के है। उसमें अवध विश्वविद्यालय प्रथम स्थान पर है। यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व है। विश्वविद्यालय को नई ऊचाईयों पर ले जाने के लिए सभी को एकजुट व पूरे मनोयोग से कार्य करना होगा। कार्यक्रम में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो नीलम पाठक द्वारा स्वागत एवं विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अद्यतन आख्या प्रस्तुत की गई।
दूसरी ओर स्वामी विवेकानन्द सभागार में विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर सांस्कृतिक कार्यकमों का आयोजन हुआ। सांस्कृतिक कार्यकमों का शुभारम्भ म्यूजिक एवं परफार्मिंग आट्र्स के छात्र-छात्राओं के समूह गायन गणपति वंदना से की गई। बीए के छात्र द्वारा सोलो डांस महाकाल की थीम पर प्रस्तुति दी गई। इस प्रस्तुति पर समूचा सभागार तालियों से गूंज उठा।
एलएलबी की परीक्षा में पकड़े गए सात नकलची
सांस्कृतिक कार्यक्रम के म्यूजिक एवं परफार्मिंग के छात्रों द्वारा आध्यात्मिक समूह नृत्य की प्रस्तुति दी गई। एमबीए, बीबीए,बीसीए द्वारा मेंटल हेल्थ नुक्कड़ नाटक की आकर्षण प्रस्तुति की। भारतीय त्याहारों की थीम पर समूह नृत्य बीफार्मा के छात्रों द्वारा सुन्दर प्रस्तुति की गई। बालश्रम की थीम पर बीए के छात्रों द्वारा मंच प्रस्तुति दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में होली की थीम पर म्यूजिक एवं परफार्मिंग आट्र्स के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुति दी गई।
सांस्कृतिक कार्यकम से पहले मुख्य अतिथि मंहत गिरीश पति त्रिपाठी एवं कुलपति प्रो प्रतिभा गोयल द्वारा शिक्षकों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। शिक्षकों में प्रो आरके तिवारी, प्रो एमपी सिंह, प्रो एनके तिवारी, आरके सिंह व कर्मचारियों में फहीम अंशारी, दिनेश लाल श्रीवास्तव, कैलाश चन्द्र श्रीवास्तव, अनार कली, सुरेन्द्र श्रीवास्तव को अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह भेटकर सम्मानित किया गया।
शेयर बाजार में सकारात्मक शुरुआत; सेंसेक्स 70 अंक चढ़ा, निफ्टी 22400 के पार
कार्यक्रम का संचालन अनामिका व मिनाक्षी द्वारा किया गया। इस आयोजन को सम्पन्न कराने में आशीष मिश्र, इंजीनियर शाम्भवी शुक्ला, डाॅ महेन्द्र पाल सिंह, डाॅ दिनेश कुमार सिंह, प्रवीण कुमार मिश्र को विशेष योगदान दिया गया।
इस अवसर पर मुख्य नियंता प्रो एसएस मिश्रा, प्रो हिमांशु शेखर सिंह, प्रो आशुतोष सिन्हा, प्रो राजीव गौड़, प्रो चयन कुमार मिश्र, प्रो एसके रायजादा, प्रो शैलेन्द्र कुमार, प्रो विनोद कुमार श्रीवास्तव, प्रो शैलेन्द्र कुमार वर्मा, प्रो गंगा राम मिश्र, प्रो फरूऱ्ख जमाल, प्रो अनूप कुमार, प्रो केके वर्मा, डाॅ सुरेन्द्र मिश्र, डाॅ अवध नारायण, डाॅ अनिल कुमार, संजय चैधरी उपकुलसचिव डाॅ रीमा श्रीवास्तव, दिनेश कुमार मौर्य सहित बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रही।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह