नई दिल्ली। भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मंगलवार को यहां कांसुलर मामलों की संयुक्त समिति (जेसीसीए) की 5वीं बैठक आयोजित हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने श्रम, वीजा, प्रवासन, नागरिकता और प्रत्यर्पण सहित अन्य मुद्दों पर समन्वय और सहयोग को मजबूत करने के तंत्र पर व्यापक चर्चा की।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में कांसुलर, पासपोर्ट एवं वीजा और प्रवासी भारतीय मामलों (सीपीवी और ओआईए) के सचिव मुक्तेश परदेशी ने किया, वहीं यूएई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यूएई के विदेश मंत्रालय के स्थायी सचिव खालिद बेलहौल ने किया।
The two sides discussed a range of consular matters, visas, community welfare incl. labour issues reaffirming our strategic partnership and deep people to people connect. pic.twitter.com/xBFmVVb6B3
— CPV DIVISION (@CPVIndia) May 14, 2024
विदेश मंत्रालय ने बुधवार शाम को एक बयान में कहा यूएई पक्ष ने यूएई में भारतीय श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों पर विस्तृत जानकारी दी। दोनों पक्षों ने नागरिक-केंद्रित कांसुलर तंत्र की दिशा में काम करना जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
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बयान के अनुसार इस दौरान दोनों पक्षों ने आपसी हित के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की, जिसमें लोगों के बीच बेहतर आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए वीजा सुविधा और प्रवासन एवं गतिशीलता से संबंधित समझौतों को जल्द पूरा करना शामिल है। दोनों पक्ष बैठक के सहमत निर्णयों का पालन करने और अगले कांसुलर संवाद में उनकी समीक्षा करने पर सहमत हुए, जो पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर अबू धाबी में आयोजित किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय की कांसुलर, पासपोर्ट एवं वीजा (सीपीवी) डिविजन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा दोनों पक्षों ने कांसुलर मामलों, वीजा, सामुदायिक कल्याण सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। श्रम मुद्दे हमारी रणनीतिक साझेदारी और लोगों के बीच गहरे जुड़ाव की पुष्टि करते हैं।
भारत और यूएई के बीच घनिष्ठ और बहुआयामी मधुर संबंध हैं और दोनों देश सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों- राजनीतिक, आर्थिक, व्यापार, वाणिज्य, रक्षा, सांस्कृतिक, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा आदि में लगातार सहयोग बढ़ा रहे हैं।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी