कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 67वां दिन है। कड़ाके की सर्दी के बीच बड़ी तादाद में किसान अब भी दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हुए हैं। हालांकि गणतंत्र दिवस पर निकाली गई किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान मचे बवाल और हिंसा के बाद अचानक किसान आंदोलन कमजोर पड़ती दिख रही है। हालांकि किसान अभी भी कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किसानों से बातचीत के संकेत दिए। जिसे लेकर आज संयुक्त किसान समिति की अहम बैठक होगी तो वहीं टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी भी आज अपना विरोध दर्ज कराएंगे। किसान हाथ और आंख पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताएंगे तो वहीं लगातार बढ़ती किसानो की भीड़ को देखते हुए गाजीपुर बॉर्डर दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है और रोड नंबर 56 से ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है।
26 जनवरी के बाद गाजीपुर में लगातार उत्तर प्रदेश और हरियाणा से किसान पहुंच रहे हैं। मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को हुई महापंचायत में किसानों से यही अपील की गई थी। किसान नेताओं ने शुक्रवार को एक दिन का उपवास रखकर सद्भावना दिवस मनाया था। इसके जरिए वो 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा का प्रायश्चित करना चाहते थे।