नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) ने 78 करोड़ रुपये के बकाया की वसूली के लिए लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) समूह को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में घसीटा है। बैंक ने एक विज्ञप्ति में बुधवार को कहा कि उसने एलएंडटी हलोल-शामलाजी टोलवे के खिलाफ दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी)-2016 की धारा सात के तहत कोरपोरेट दिवाला प्रक्रिया (सीआरआईपी) शुरू करने की याचिका दाखिल की है।
एलएंडटी हलोल-शामलाजी टोलवे 27 दिसंबर 2018 को बैंक के 76.69 करोड़ रुपये बकाया का भुगतान करने में विफल रही है। ओबीसी ने इलाहाबाद बैंक के नेतृत्व वाले एक बैंक समूह ने वर्ष 2009 में कंपनी को 155 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराया था। बाद में यह ऋण गैर-निष्पादित संपत्ति में बदल गया और 2017 में इसका पुनर्गठन किया गया।