राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने कहा कि उप्र का किसान दैवीय आपदा से ग्रस्त है क्योंकि एक सप्ताह से प्रदेश के कई अंचलों में बारिश और ओलों का प्रकोप चल रहा है जो तैयार हो रही रबी की फसल के साथ साथ सरसो अरहर और चने आदि की फसल को हानि पहुंचा रहा है। उप्र में रबी की फसल किसानों का बहुत बड़ा सहारा होती है इसी के आधार पर परिवार में होने वाले शादी ब्याह जैसे मांगलिक कार्य सम्पन्न होेते हैं। दैवीय प्रकोप से इन फसलों के बर्बाद होनेे से किसान असहाय हो गया है।
डाॅ. अहमद ने कहा कि किसानों को लागत का दुगुना देने का वादा करने वाली योगी सरकार ने विगत तीन वर्षो में किसानों का केवल मजाक उड़ाया है और झूठे लाॅलीपाप दिखाकर उनको गुमराह किया है और लगातार किया जा रहा है। देश का होली जैसा विशेष त्योहार सिर पर है और प्रदेश का बहुसंख्यक वर्ग किसान त्राहि त्राहि कर रहा है लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों की सुध लेने की बजाय अपनी राजनैतिक रोटियां सेकते हुये विधान सभा में विधायक निधि बढाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं। पष्चिमी उत्तर प्रदेश में योगी जी ने अपने भाषण मेें स्पष्ट रूप से कहा था कि गन्ना न बोया जाय क्योंकि इससे शुगर जैसी बीमारी होती है। पष्चिमी उत्तर प्रदेश की मुख्य फसल गन्ना है तमाम गन्ने की मिले और उनके कर्मचारी भी किसानों के साथ साथ इसी फसल पर आधारित है।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने मांग करते हुये कहा कि समस्त जनपदों से फसलों के तत्काल हुये नुकसान का आकलन कराया जाय और आकलन होने तक तमाम लघु और सीमान्त किसानों को आपदा राहत जिलाधिकारी के माध्यम से पहुंचायी जाय ताकि वर्ष का विशेष त्योहार सम्पन्न हो सके। जिलाधिकारियों से प्राप्त होने वाली सूचनाओं के आधार पर निष्पक्ष रूप से उचित मुआवजा भी किसानों के खाते में भेजा जाय। मुआवजा वितरित करते समय इस बात का ध्यान रखा जाय कि किसानों को डेढ और दो रूपये का चेक देकर उनका उपहास न उडाया जाय।