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उन्नाव केस: कुलदीप सेंगर समेत सभी 7 दोषियों को 10-10 साल की सजा

उन्नाव रेप कांड में पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में यूपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत सभी 7 दोषियों को 10-10 साल की कैद और 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले गुरुवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोषी कुलदीप सिंह सेंगर ने दलील दी थी कि अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए और उनकी आंखों में तेजाब डाल दिया जाना चाहिए।

आपको बता दें कि उन्नाव रेप कांड में पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर समेत 7 आरोपियों को दोषी करार दिया है। जबकि सबूतों के अभाव में 4 आरोपी बरी कर दिये गए थे। रेप पीड़िता के पिता की 9 अप्रैल 2018 को पुलिस की हिरासत में मौत हो गई थी। कोर्ट ने उन्नाव रेप कांड में सेंगर को पहले ही सजा मिल चुकी है। इस मामले में कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाने के साथ 25 लाख का जुर्माना भी लगाया था। कुलदीप सेंगर समेत जिन 7 लोग को दोषी करार दिया गया है, इनमें से दो यूपी पुलिस के अधिकारी है। एक एसएचओ है, दूसरा सब इंस्पेक्टर है।

इन्हें सुनाई गई है सजा…

1- कुलदीप सिंह सेंगर

2- कामता प्रसाद, सब इंस्पेक्टर

3- अशोक सिंह भदौरिया, SHO

4- विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा

5- बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह

6- शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह

7- जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह

इन्हें किया गया है बरी…

– शरदवीर सिंह

– शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह

– राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह

– अमीर खान, कॉन्स्टेबल

आपको बता दें, नाबालिग से दुष्कर्म मामले में अदालत ने बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर 2019 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में नौ अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी। सीबीआई ने इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत अन्य कई लोगों पर पीड़िता के पिता की हत्या के आरोप का जांच कर रही थी। इस मामले की सुनवाई को अन्य मामलों के साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली ट्रांसफर किया गया था। इस मामले में सीबीआई ने आरोपों को साबित करने के लिए पीड़िता के चाचा, मां, बहन व पिता के सहकर्मी समेत 55 गवाहों के बयान दर्ज करवाए तो वहीं बचाव पक्ष ने नौ गवाहों को पेश किया। सीबीआई के मुताबिक तीन अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता व आरोपी शशि प्रताप सिंह के बीच झगड़ा हुआ था। सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा कि मृतक व उसका सहकर्मी उस दिन अपने गांव माखी लौट रहे थे।

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