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शेयर बाजारों तक पहुंचा कोरोना वायरस का संक्रमण, देखने को मिली बड़ी गिरावट

दुनियाभर में कोरोना के कहर के बाद से लोगों में ख़ौफ़ है कि इसके साथ कोरोना का असर बाजार पर भी पड़ने लगा है. आपको बता दें कि इस वजह से अमेरिका से लेकर भारत तक के शेयर बाजारों में कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. भारतीय बाजार में आज बड़ी गिरावट देखने को मिली और अंतिम कारोबारी दिन बाजार गिरावट के साथ ही खुला.

वहीं हालात इतने बदतर हो गए हैं कि सप्‍ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में लोअर सर्किट लग गया. आपको बता दें कि इस वजह से शेयर बाजार में 45 मिनट के लिए ट्रेडिंग रोक दी गई. मतलब ये कि इस दौरान शेयर बाजार में किसी भी तरह का कारोबार नहीं हुआ. यही नहीं, इस लोअर सर्किट की वजह से निवेशकों के 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक डूब गए.

गौरतलब है कि ऐसे में सवाल है कि ये लोअर सर्किट क्‍या होता है और आखिर 45 मिनट तक के लिए ट्रेडिंग क्‍यों रोक दी गई. आइए जानते हैं इसके बारे में.

क्‍या होता है लोअर सर्किट?

दरअसल, शेयर बाजार में 10 फीसदी या उससे अधिक की गिरावट की स्थिति में लोअर सर्किट लगता है और ट्रेडिंग रोक दी जाती है. इसका मतलब ये हुआ कि इस दौरान शेयर बाजार में किसी भी तरह का कारोबार नहीं होता है. स्‍टॉक एक्‍सचेंज के नियमों के मुताबिक दिन के अलग-अलग समय के हिसाब से अलग-अलग अवधि के लिए बाजार बंद होते हैं. नियम के मुताबिक पहला लोअर सर्किट 45 मिनट का लगता है. यही वजह है कि शुक्रवार को शेयर बाजार में 45 मिनट के लिए कारोबार थम गया.

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