COVID19 महामारी से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री की अपील पर बनाई गई पीएम केयर्स फंड में सहयोग देने में निजी से लेकर सरकारी संस्थाये भी योगदान देने में आगे आ रही हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले विभिन्न संस्थानों ने मिलकर 38 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।
इस सभी संस्थाओं में काम करने वाले कर्मचारियों ने अपने वेतनमान से ये योगदान दिया है। मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा जारी की गई सूची के मुताबिक मंत्रालय से संबंधित कुल 28 संस्थानों ने मिलकर ये योगदान दिया है।
इनमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने रु 7लाख, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने रु10लाख भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने 4 करोड़72लाख , भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) ने रु 26लाख, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने रु44लाख , भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) ने रु 54लाख, भाषा संस्थानों ने रु 60लाख इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च ने रु 37लाख, स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर ने रु 8.5लाख, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी ने रु 3करोड़ , केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने रु 9करोड़, नवोदय विद्यालय समिति ने रु करीब 7.5 करोड़, केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने रु 10 करोड़ एवं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने रु 32 लाख का योगदान दिया है।
इस महामारी के खिलाफ जंग में इन संस्थाओं में काम करने वाले सभी लोगों ने अपने अपने वेतन से ये योगदान दिया है। कोरोना महामारी के खिलाफ इस मंत्रालय की पहल पर इन संस्थाओं ने अपना योगदान दिया है।
मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि सभी संस्थाओं द्वारा दिया गया योगदान प्रधानमंत्री राहत कोष में दिया जायेगा और मंत्रालय इस महामारी के खिलाफ जंग में अपना सहयोग आगे भी जारी रखेगा।