Breaking News

लॉकडाउन से इकोनॉमी को बड़ा झटका, राज्यों के GST कलेक्शन में आई इतने फीसदी की भारी गिरावट

कोरोना वायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन है। इस लॉकडाउन का सीधा प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ता नजर आ रहा है। बात करें राज्यों की तो अप्रैल महीने में असम, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह में 80 से 90 फीसदी की भारी गिरावट आई है। यही नहीं, केंद्र का भी अप्रैल महीने का कलेक्शन 45,000 से 50,000 करोड़ रुपये तक की गिरावट हो सकता है, जबकि पहले यह एक महीने में करीब 1 लाख करोड़ रुपये तक होता था।

खबर के मुताबिक असल आंकड़ा शुक्रवार यानी आज जारी हो सकता है, जिसके बाद वास्तविक तस्वीर सामने आएगी कि लॉकडाउन वास्तव में राज्यों की इकोनॉमी के लिए किस हद तक भारी पड़ा। भारत में जिस तरह से ई-वे बिल तैयार होने में गिरावट आई थी, उससे ही यह अंदाजा लगाया गया था कि जीएसटी कलेक्शन में भारी गिरावट आ सकती है।

जानकारी के अनुसार 1 से 27 अप्रैल के बीच गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क और व्यापार से 67.47 लाख ई-वे बिल जनरेट किया गया। बता दें कि यह मार्च 2020 के 4.06 करोड़ ई-वे बिल महज 17 फीसदी ही है। इस मामले में जानकारों का कहना है कि अभी अर्थव्यवस्था का 30 फीसदी हिस्सा ही काम कर पा रहा है। वैसे तो केंद्र, राज्य और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से मिलकर काम कर रहे हैं, लेकिन इकोनॉमी में झटका वास्तव में अनुमान से ज्यादा है।

टैक्स एक्सपर्ट के अनुसार पहाड़ी राज्यों पर बूरा प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि उनका राजस्व पर्यटन और हॉस्पिटलिटी से आता है। राज्यों के कुल राजस्व का 30 से 50 फीसदी हिस्सा डीजल, पेट्रोल और शराब पर लगने वाले टैक्स से आता है। राज्यों के सेल्स टैक्स/वैट की जगह अब जीएसटी ने ले लिया है, जिससे उनके राजस्व का करीब आधा हिस्सा आता है। लॉकडाउन के दौरान शराब का कारोबार पूरी तरह से ठप होने से और सड़कों से माल ढुलाई भी बहुत कम हो रहा है, ऐसे में राज्यों के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचने की पूरी आशंका है।

About Aditya Jaiswal

Check Also

पीएम मोदी को अमेरिका में दिया जाएगा “विश्व शांति पुरस्कार,” जानें किन उपलब्धियों के लिए मिली यह मान्यता

वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार ...