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बस या बेबस! राजनीति, अपनों से ही घिरी प्रियंका

रायबरेली। प्रवासी मजदूरो को लाये जाने को लेकर जो राजनीति शुरु है। उसमे पिस रहें हैं बेचारे मजदूर। उनके दर्द पर भी राजनीति हो रही है। सभी अपनी शतरंज बिछाये चाल में लगे है। इस तरह के कठिन समय में भी यह शह-मात का खेल उन बेबस मजदूरों पर भारी है जो हजारों किलोमीटर दूर पैदल चलने के लिये बेबस हैं। मजदूरों को लेकर बसों के इंतजाम पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच चल रही सियासी जंग को बड़ा झटका लगा है।

रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने ही इस पूरे मसले पर अपनी पार्टी के रुख की कड़ी आलोचना की है।अदिति सिंह ने कहा है कि ये क्रूर मजाक है ।सदर विधायक अदिति सिंह ने ट्वीट में लिखा है, ‘आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है। अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई। सीएम योगी की तारीफ गांधी परिवार की करीबी और रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह ने योगी सरकार के रुख का समर्थन करते हुये कोटा को लेकर भी सवाल उठाया है।

एक दूसरे ट्वीट में अदिति ने लिखा, ‘कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बॉर्डर तक ना छोड़ पाई, तब श्री योगी अदित्यनाथ जी ने रातों-रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी। इस ट्वीट के बाद जिले की सियासत मेें मानो भूचाल आ गया हर तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है।

रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्र

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