मोदी सरकार द्वारा देश को कोरोना महामारी से बचाने के लिए अभी तक चार लाॅकडाउन लगाए जा चुके हैं। चार लाॅकडाउन मतलब करीब सवा दो महीने तक देश में ‘बंदी’ जैसा माहौल का रहना। राजनीति से इत्तर लाॅकडाउन की समीक्षा की जाए तो देश को इससे आर्थिक मोर्चे पर तो इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी,लेकिन देश में कोरोना महामारी के चलते उस तरह हालात नहीं बिगड़े जैसे अमेरिका, इटली, ब्राजील, बिट्रेन, फ्रांस, जर्मनी, टर्की, रूस में देखने को मिल रहे हैं। बात हिन्दुस्तान की कि जाए कोरोना ने हिन्दुस्तान मेें कहर तो मचाया लेकिन यहां पूरे देश में एक जैसी तस्वीर नहीं थी। कोरोना महामारी के करीब 62 प्रतिशत केस चार-पांच राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और तमिलनाडु में सामने आए। लाॅकडाउन से देश को भले काफी फायदा हुआ हो,लेकिन अब देश इस स्थिति में नहीं दिखाई दे रहा है कि पांचवें लाॅकाडान को बर्दाश्त कर सके। और फिर जब कोरोना महामारी अब कुछ राज्यों के कुछ जिलों तक में ही विकराल रूप धारण किए हुए है तो फिर पूरे देश को लाॅकडाउन 5.0 थोपने का कोई खस मतलब नहीं रह जाता है। हाॅ, उक्त के अलावा कुछ और जिलों में भी कोरोना के मरीजों की संख्या में वृद्धि दिखाई जरूर दे रही हैं,लेकिन लाॅकडाउन में छूट मिलने के बाद यह वृद्धि स्वभाविक भी नजर आती है,जिस पर नियंत्रण किया जा रहा है।
खैर, इसी किन्तु-परंतु के बीच लाॅकडाउन 5.0 पर चर्चा तो शुरू हो ही गई है। 31 मई को लॉकडाउन 4.0 की मियाद खत्म हो रही है। पहली जून को लॉकडाउन 5.0 लगेगा या नहीं इस पर फैसला कल तक जरूर आ जाएगा। इस समय कोई इसी बहस में उलझा हुआ है कि लाॅक डाउन 5.0 लगेगा या नहीं? अगर लगेगा तो लाॅकडाउन 5.0 की तस्वीर कैसी होगी ? क्या केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा अपने अधिकारों में कटौती करते हुए लाॅकडान 5.0 लगाने या नहीं लगाने का फैसला लेने की छूट राज्य सरकारों को दे दी जाएगी ? इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस बात पर चर्चा की है कि उनके राज्यों में अभी क्या स्थिति है और वे लॉकडाउन 5.0 के बार में क्या सोचते हैं।
लाॅक डाउन 5.0 को लेकर बात अन्य राज्यों से हटकर उत्तर प्रदेश की कि जाए तो उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अभी तक लाॅक डाउन लागू करने या उसकी रूपरेखा क्या हो,इसको लेकर केन्द्र की मोदी सरकार से हट कर कोई फैसला नहीं लिया है। लेकिन यदि मोदी सरकार राज्यों के ऊपर लाॅकडाउन खत्म करने या जारी रखने की जिम्मेदारी सौंपती है तो योगी सरकार लाॅक डाउन को काफी हद तक सीमित कर सकती है। क्योंकि इस समय उत्तर प्रदेश के छह जिले ही ऐसे हैं जहां अभी कोरोना के केस कम नहीं हो रहे । इन जिलों में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है।
इन जिलों में हैं ज्यादा कोरोना केस-
जिला कोरोना मरीज मौजूदा कोरोना केस
आगरा 874 95
मेरठ 403 93
नोएडा 373 115
रामपुर 172 118
जौनपुर 156 129
बस्ती 155 110
स्वास्थ्य विभाग की ओर से 28 मई को जारी ताजा कोरोना बुलेटिन में कहा गया था कि भले ही कोरोना का संक्रमण कम हो रहा हो, लेकिन अभी भी नए केस आ रहे हैं। इसी क्रम में आगरा में पांच, मेरठ में एक, गौतमबुद्ध नगर में सात, लखनऊ में 10, कानपुर नगर दो, गाजियाबाद में 15, सहारनपुर में छह, फिरोजाबाद में छह, मुरादाबाद में एक, वाराणसी में एक, जौनपुर में एक, बस्ती में सात, अलीगढ़ में एक, बुलंदशहर में तीन, गाजीपुर में चार, सिद्धार्थनगर में दो, अयोध्या में एक, अमेठी में एक, प्रयागराज में तीन, बिजनौर में दो, संभल में छह, बहराइच में दो, संतकबीर नगर में नौ, मथुरा में तीन, प्रतापगढ़ में दो, रायबरेली में तीन, देवरिया में तीन, गोरखपुर में नौ, आजमगढ़ में 13, लखीमपुर खीरी में दो, गोंडा में पांच, इटावा में दो, फतेहपुर में दो, हरदोई में दो, बदायूं में दो, बलरामपुर में एक, भदोही में सात, झांसी में पांच, बलिया में चार, चित्रकूट में चार, मैनपुरी में छह, उन्नाव में एक, औरैय्या में दो, फर्रुखाबाद में एक, मऊ में तीन, कानपुर देहात में चार, महोबा में एक तथा सोनभद्र में एक नया केस सामने आया है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में 11 मई से ही कोरोना के एक्टिव मामले कम हो रहे हैं। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक होने का क्रम बना हुआ है। कुल संक्रमित मरीजों में से इलाज के बाद 4215 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या कोरोना के एक्टिव मरीजों की तुलना में काफी अधिक हो गई है। 28 मई को ही 224 कोरोना संक्रमित पूरी तरह स्वस्थ हुए जिन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।