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विभाग के बदले आयोग और करोड़ों के एमओयू आने के बावजूद नहीं आए अच्छे दिन: अखिलेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश और प्रदेश की भोली-भाली जनता को भावनात्मक मुद्दों के जरिए जनता को फसाने का काम करती है। भाजपा ने गरीबों, किसानों और मजदूरों को जो सपना दिखाया था वह टूट गया है। देश की जनता का भरोसा तोड़ा है। उत्तर प्रदेश के बेड़े में 70 हजार से ज्यादा बसें थी लेकिन मजदूर पैदल चलते चलते मर गए। यूपी सरकार चाहती तो यूपी नहीं झारखंड बिहार और इधर से गुजरने वाले अन्य राज्यों के मजदूर को भी पैदल नहीं चलना पड़ता, गरीब भूखों मर गए। किसान बर्बाद हो रहे हैं। किसानों को गेहूं का मूल्य नहीं मिला। गन्ना किसानों का बकाया नहीं मिल रहा है। भाजपा ने अच्छे दिन के जो सपने दिखाए थे वह पिछले 6 सालों में क्या पूरे हुए? आज भाजपा को कुछ सोचना चाहिए कि वह अच्छे दिन वाले सपने कब पूरे होंगे? बीजेपी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही खराब थी। लेकिन जब से कोविड-19 महामारी आई है तबसे अर्थव्यवस्था फ्रीफाल हो रही है। ऐसी स्थिति में लोगों को रोजगार कहां से मिलेगा?

आज गरीबों को भोजन, किसानों को उनके खाते में दुगना पैसा। और लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की जरूरत है। लाॅकडाउन के बावजूद बीमारी कम नहीं हुई। संक्रमण बढ़ता गया। अर्थव्यवस्था भी बर्बाद हो गई। अब ऐसे में सरकार को एक्सपर्ट की राय देकर इस बारे में विचार करना चाहिए। जिससे बीमारी भी रुके और व्यापार भी चले, अर्थव्यवस्था में सुधार हो। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के सम्बंध में जो फैसला लिया है वह गलत है। श्रमिकों के लिए कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए वह देश की किसी राज्य में अगर जाकर काम करना चाहते हैं तो उसकी आजादी संविधान ने दी है। सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए और अगर नहीं दिया है तो आज ही वापस लेना चाहिए। जब यूपी सरकार के पास एक एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज का विभाग था तो सरकार को नया आयोग बनाने की क्या जरूरत है। इसमें कोई नया आयोग बनाने की नहीं बल्कि लोगों को अधिक से अधिक संख्या में रोजगार देने की जरूरत है जिससे उनका जीवन यापन हो सके।


समाजवादी पार्टी के लोग लगातार गरीबों की मदद कर रहे हैं खाना खिला रहे हैं लेकिन यह सरकार उनके खिलाफ एफआईआर कर रही है और डरा रही है। हम समाजवादी लोग मानते हैं कि यह समय आराम का नहीं है, जोखिम भरा समय है। समाजवादी लोग गरीबों मजदूरों की मदद कर रहे हैं। कार्यकर्ता लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं। प्रदेश में क्वाॅरंटाइन सेंटरों की स्थिति बहुत खराब है। उनके साथ वहां भेदभाव हो रहा है। सरकार ना उन्हें मास्क दे रही, ना सेनीटाइजर दे रही है, और ना खाना दे पा रही है। पिछले 2 महीने गुजर गए मुख्यमंत्री जी ने 55 करोड़ मास्क बांटने के लिए कहा था। उनकी घोषणा का क्या हुआ? आज जिन अस्पतालों में इलाज हो रहा है वह सब समाजवादी सरकार में बने हैं।

भाजपा की सरकार में मुख्यमंत्री जी ने अस्पतालों के काम रोक दिए। मुख्यमंत्री जी के बयान रोज बदलते रहते हैं। कभी कहते हैं कि 50 लाख को रोजगार दिया, कभी कहते हैं कि 10 लाख को दिया, कभी कहते हैं कि ढाई लाख को दिया। हमारे मुख्यमंत्री सिर्फ एमओयू करते हैं। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री जी की मौजूदगी में दो इन्वेस्टर मीट हुई 4 लाख करोड़ के एमओयू किया, लेकिन कितने लोगों को रोजगार मिला और कितना निवेश हुआ? भाजपा की केन्द्र सरकार ने छह वर्ष में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। अच्छे दिनों के जनादेश का क्या हुआ? गरीब को खाना क्यों नहीं मिलता? भाजपा सरकार से जनता का भरोसा टूटा है। भाजपा सरकारें विश्वासघात करने की कीमत चुकाने के लिए तैयार रहें।

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