बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन एक शॉर्ट फिल्म ‘नटखट’ में नजर आएगी। जिसमें उनकी एक मां की भूमिका होगी और उनके किरदार का नाम सुरेखा होगा। शॉर्ट फिल्म ‘नटखट’ को विद्या बालन फिल्ममेकर रॉनी स्क्रूवाला के साथ मिलकर प्रोड्यूस कर रही है, जबकि फिल्म के निर्देशक शान व्यास है। इस फिल्म के अलावा विद्या की आगामी फिल्मों में ‘शकुंतला देवी’ और ‘शेरनी’ शामिल हैं।
वही दूसरी तरफ विद्या ने जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा की रिहाई पर रिएक्शन दिया है। दरअसल, राजधानी दिल्ली के बहुचर्चित मॉडल जेसिका लाल हत्याकांड में तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ मनु शर्मा को एक जून की रात रिहा कर दिया गया है। हरियाणा के पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने जेसिका लाल हत्याकांड में 17 साल की सजा काटी है। वह करीब सवा साल से ओपन जेल में थे। साल 1999 में उन्होंने मॉडल जेसिका लाल की हत्या की थी।
द क्विंट से बातचीत में विद्या बालन ने कहा कि जेल में उसके लिए कोई भी समय पर्याप्त नहीं है। लेकिन उम्मीद कर सकते हैं कि वाकई में उसका दिल अब बदल गया है। विद्या ने कहा कि सच कहूं तो ऐसे लोगों की जगह केवल जेल है। हो सकता है कि वह एक अच्छा इंसान बन गया हो, उम्मीद करती हूं। बस अब एक इंसान यही उम्मीद कर सकता है कि जेल में इतना समय बिताने के बाद वह बदल गया होगा।
ये था मामला
29 अप्रैल 1999 की रात साउथ दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में हुई एक पार्टी के दौरान शराब परोसने से मना करने पर जेसिका लाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जेसिका लाल ने घर का खर्च चलाने के लिए मॉडलिंग करनी शुरू की थी। वह पार्ट टाइम के तौर पर दिल्ली के एक पब में काम करती थीं, जहां उनकी हत्या की गई। इस मामले पर एफआईआर दर्ज होने और मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद 6 मई 1999 को मनु ने चंडीगढ़ की एक अदालत के सामने सरेंडर कर दिया था।
3 अगस्त, 1999 को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत जेसिका लाल मर्डर केस में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। बाद में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस केस को सेशन कोर्ट के सुपुर्द कर दिया था। वहीं एक गवाह मालिनी रमानी ने मनु शर्मा की शिनाख्त की थी, बाद में रेस्टोरेंट और बार मालकिन बीना रमानी ने भी मनु की शिनाख्त की थी। ट्रायल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में मनु शर्मा को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ वर्ष 2006 में दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। 18 दिसंबर, 2006 को हाईकोर्ट ने मनु शर्मा को दोषी करार दिया था और 20 दिसंबर, 2006 को हाईकोर्ट ने मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया था।
दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले को मनु शर्मा ने 2 फरवरी, 2007 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। तीन साल से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल, 2010 को मनु की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था। ज्ञात हो कि मनु शर्मा को सजा दिलाने में जेसिका लाल की छोटी बहन सबरीना लाल ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। मनु की रिहाई में भी सबरीना के माफ करने संबंधी बयान का अहम रोल रहा है। वर्ष 2018 में सबरीना लाल ने कहा था कि उसने मनु शर्मा को माफ कर दिया है और अगर उसे रिहा कर दिया जाता है तो उसे कोई ऐतराज नहीं होगा।