उमेश पाल हत्याकांड के शामिल अतीक का बेटा असद समेत चार शूटर अलग-अलग एनकाउंटर में मारे गए लेकिन अब भी तीन शूटर फरार हैं। पता चला है कि शूटर आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
यही कारण है कि पुलिस को उन तक पहुंचने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस से बचने के लिए फोन और व्हाट्स एप की जगह ये तीनों दूसरे एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके कारण ही पुलिस उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं कर पा रही है। इसका खुलासा खुद पकड़े गए अतीक के गुर्गों ने किया है।
करेली पुलिस ने अतीक के गुर्गे असाद कालिया को जेल भेजने से पहले गहन पूछताछ की थी। असाद ने स्वीकार किया था कि वह एक साल तक फरारी के दौरान भी जेल में बंद अतीक और उसके बेटे असद से बातचीत करता था। इन लोगों की फोन और व्हाट्स एप की जगह एक अलग एप पर बातचीत होती थी। इसी एप की मदद से अन्य शूटर भी आपस में जुड़े थे। अब पुलिस इसकी छानबीन में लगी है। फरार शूटर साबिर और अरमान की लोकेशन ट्रेस की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि उमेश पाल की हत्या से पहले आपस में बातचीत के लिए आईफोन का इंतजाम कर दिया गया था। सबको आईडी बनाकर आईफोन दिया गया। इस फोन के विशेष फीचर फेसटाइम पर बातचीत और वीडियो कॉलिंग की जा रही थी। इससे पुलिस को सर्विलांस से कोई जानकारी नहीं मिली। उमेश पाल की हत्या के बाद जब पुलिस ने आईफोन का राज खोला तो फरार शूटरों ने इसे भी बंद कर दिया। अब वे नए एप से बात करने लगे।