कोरोना वायरस के भयावह हमले के बावजूद दक्षिण एशिया में भारतीय अर्थव्यवस्था इसका सबसे मजबूती से सामना करने की स्थिति में बनी रहेगी. यूनाइटेड नेशनन्स कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलमेंट यानी UNCTAD का कहना है कि भारत का बड़ा बाजार लगातार निवेशकों को आकर्षित करता रहेगा.
भारतीय बाजार एफडीआई के मुफीद
UNCTAD की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के बाद भारत में आर्थिक विकास दर की थोड़ी सुस्त रहेगी लेकिन यहां सकारात्मक ग्रोथ रहेगी. यहां के बाजार व्यापक तौर एफडीआई आकर्षित करते रहेंगे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में भारत सबसे ज्यादा एफडीआई आकर्षित करने के मामले में नौवें स्थान पर रहा, जो 2018 की तुलना में तीन पायदान ऊपर रहा. 2019 में भारत में भारत में 51 अरब डॉलर का एफडीआई आया, जबकि 2018 में 42 अरब डॉलर था. एफडीआई के मामले में भारत एशिया के शीर्ष 5 देशों में शामिल रहा, जबकि दक्षिण एशिया में यह टॉप पर रहा.
भारत में पिछले साल डिजिटल अर्थव्यवस्था और रियल एस्टेट सेक्टर में सबसे ज्यादा एफडीआई आया. 2020 में भी डिजिटल इकनॉमी में सबसे ज्यादा निवेश आने की संभावना है. टेक्नोलॉजी कंपनियों में एफडीआई आ सकता है. इसके साथ ही एनर्जी कंपनियां भी विदेशी निवेशकों का पसंदीदा बन सकती हैं.
ग्लोबल एफडीआई में कमी दर्ज
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से पूरी दुनिया में एफडीआई में कमी आई है. इस वजह से इस साल ग्लोबल एफडीआई में 54 फीसदी की भारी गिरावट आ सकती है. 2019 में ग्लोबल एफडीआई 1.54 लाख करोड़ डॉलर था. 2005 के बाद पहली बार एफडीआई एक लाख करोड़ डॉलर से नीचे रहने का अनुमान है. एशिया में एफडीआई में 45 फीसदी तक कमी हो सकती है. भारत में पहली तिमाही में एफडीआई में चार फीसदी की कमी दर्ज की गई. हालांकि इसके बावजूद एफडीआई आकर्षित करने की भारत की क्षमता काफी मजबूत है.