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ग्रामीण रोज़गार सृजन करने की योजना से मिलेगा रोजगार, झूठे आंकड़ों से नहीं: सुनील सिंह

लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक बटन दबाते ही सवा करोड़ युवाओं को रोजगार देने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि झूठ का विश्व रिकॉर्ड कायम करने में योगी और मोदी जी बहुत आगे हैं। प्रवासियों को रोजगार के लिए प्रदेश स्तर पर कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है, जो भी व्यवस्था बनाई गई है वह अस्थाई है। श्री सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना रोजगार पूर्व की कांग्रेस सरकार की योजना रही है। जिसमें पहले से ही नदियों के जीर्णोद्धार, सड़कों का निर्माण, तालाबों की खुदाई पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदने, एवं अन्य ग्रामीण कार्यों में पहले से ही लोग जुड़े हुए हैं।

यह 125 दिन का कार्य है, जो रोजगार के लिए स्थाई समाधान प्रवासी मजदूरों के लिए नहीं है। सरकार को स्थाई समाधान के लिए भारत के पूर्व प्रधानमंत्री किसान नेता स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की नीतियों को अपनाते हुए ग्रामीण स्तर पर रोजगार सृजन हेतु कुटीर लघु उद्योग लगाए जाना चाहिए। जिससे ग्राम पंचायत, न्याय पंचायत, न्याय स्तर, ब्लॉक स्तर पर प्रवासी मजदूर ग्रामीण के परिवारों को रोजगार सृजित हो सकें और ग्रामों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों का पलायन भी रुके।

श्री सिंह ने कहा कि गांव में कुटीर उद्योग की स्थापना करने से कम से कम 100 परिवारों को रोजगार मिलेगा। “प्रवासी कामगारों का पलायन तभी रुकेगा जब उन्हें तुरंत यानी आज से ही कुछ काम मिल जाए। सरकार की जो योजनाएं हैं, उनसे उन्हें स्थायीकरण नहीं है। इसलिए मजबूरी में फिर से बाहर जाने लगे हैं। सरकार ने इस संबंध में जो नीति बनाई है वह व्यावहारिक नहीं है। आखिरकार कोई आदमी, जिसे काम करना है वह कितने दिन इंतजार करेगा।” प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए मोदी सरकार द्वारा 50000 करोड़ रुपये की योजना जो बनाई गई है। जिसका नाम दिया गया है “गरीब कल्याण रोजगार अभियान,” यह सरकारी अफसरों के द्वारा जनता की गाढ़ी कमाई और टैक्सों से लिए गए रुपयों का बंटाधार करना से ज्यादा और कुछ नहीं है। आये दिन अखबार, टेलीविजन पर आकर जो अधिकारी कागज़ पर लिखकर दे रहे, वही सत्ता में बैठे लोग बांट-बांटकर वाहवाही लूट रहे हैं।

सुनील सिंह ने भाजपा सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि भाजपा की सोच ग्रामीण नहीं है। यूपी में हर हाथ को काम हर घर को रोजगार मिल चुका है। सरकार ने अरबों खरबों का निवेश का सपना दिखाया था, पर उन पैसों का धरातल स्तर पर कुछ नहीं हुआ, बेरोजगार युवाओं को जुमला नहीं रोजगार चाहिए। वहीं दूसरी तरफ डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर श्री सिंह ने”अंधेर नगरी चौपट राजा टका सेर भाजी टका सेर खाजा” का उदाहरण पेश करते हुए काह कि पेट्रोल और डीजल के लगातार बढ़ती कीमतों ने किसान, मजदूर, व्यापारी और आम आदमियों की कमर तोड़ दी है, ऐसा उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।

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