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राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा आयोजित कार्यशाला में बताया आपदा प्रबंधन के गुर

लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा विभिन्न विषयों पर मास्टर ट्रेनर्स व अधिकारियों व कर्मचारियों को विभिन्न गतिविधियों (विषयों, विधाओं) में प्रशिक्षण देकर जहां उन्हें अपने कार्य व क्षेत्र में दक्ष और सक्षम बनाया जा रहा है, वहीं तमाम सामाजिक, आर्थिक विषमताओं को दूर करने में भी मदद कर रहा है, यही नहीं दैवीय आपदाओं के न्यूनीकरण व नियन्त्रण के बारे में प्रशिक्षण देकर आपदाओं से निपटने के लिए लोगों को हुनरमंद व कुशल बनाया जा रहा है।

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इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 15-16 जून 2023 (द्वितीय बैच) हेतु “Management of Flood & Flood related issues Drought, Lightening, Snakebite and Preparation of DDMPs & GPSDPS” विषय पर आयोजित दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन दीन दयाल उपाध्याय, ग्राम विकास संस्थान, बक्शी का तालाब संस्थान के सभागार में किया गया।

राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा आयोजित कार्यशाला में बताया आपदा प्रबंधन के गुर

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न जनपदों से राजस्व विभाग से अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता, जिला कृषि अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला विकास अधिकारी एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आपदा विशेषज्ञों द्वारा 02 चरणों में प्रतिभाग किया गया।

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कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ले.ज. रविन्द्र प्रताप शाही (अति विशिष्ट सेवा मेडल) द्वारा उपस्थित समस्त प्रतिभागी अधिकारियों, प्रबुद्ध वार्ताकारों, एसडीएमए के अधिकारियों को बताया कि आपदा प्रबंधन के अंर्तगत सबसे महत्वपूर्ण भूमिका तृणमूल स्तरीय समुदाय व पंचायत प्रतिनिधियों की होती है, जिनके साथ संबंधित शासकीय विभागों के अधिकारियों एवं कार्मिकों का समन्वय व सहयोग अत्यन्त आवश्यक है, साथ ही जनपद स्तर पर आपदा न्यूनीकरण के क्षेत्र में अधिक कार्य करने की आवश्यकता है।

आज के इस तकनीकी युग में ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम हमें समय के साथ अपडेट रहने में सहायक होते हैं, क्योंकि आपदा का क्षेत्र विविध, गतिशील एवं लगातार बदलता रहता है। राज्य प्राधिकरण ने जो प्रशिक्षण कार्यक्रमों एवं जन जागरूकता अभियानों की श्रृंखला चलायी है, इससे हमें आपदाओं से होने वाली घटनाओं तथा हानियों को न्यून करने में सहायता मिलती है।

राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा आयोजित कार्यशाला में बताया आपदा प्रबंधन के गुर

आज के समय में कई आपदा एक साथ घटित होती है, इसलिए हमारी योजना में सभी विषयों का समावेश होना आवश्यक है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि शासन द्वारा प्रदेश में वज्रपात आपदा के न्यूनीकरण हेतु जनपद सोनभद्र के दुद्धी तहसील में पूर्व चेतना प्रणाली पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लगाई गई है। जिससे वज्रपात की घटना होने पर लोगों को सायरन द्वारा सूचना प्राप्त होगी। प्राधिकरण द्वारा चलाये गये विभिन्न जागरूकता अभियान के कारण विभिन्न आपदाओं से होने वाली क्षति के न्यूनीकरण में सहायता प्राप्त हुई है।

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प्रशिक्षण सत्रों के संचालन के दौरान विशेषकर तकनीकी सत्रों में प्राधिकरण के प्रोजेक्ट एक्सपर्ट आशीष शर्मा ने राज्य स्तर पर बनाये गये फ्लड एक्शन प्लान एवं जनपद स्तर पर इसके क्रियान्वयन के बारे में बताया। साथ ही बाढ तैयारी हेतु फ्लड स्कोर कार्ड जो विभागवार बाढ़ प्रबंधन तैयारी की समीक्षा में सहायक है, की जानकारी दी एवं रेन वॉटर हार्वेस्टिंग पर मिटिगेशन प्रोजेक्ट बनाने की विधि बतायी। डा सीएस मूर्ति निदेशक (एमएनसीएफसी) भारत सरकार नई दिल्ली ने सूखा प्रबंधन एवं सूखा घोषित करने की विधि तथा उसके उपायों के बारे में चर्चा किया।

डा सतीश कुमार (आईपीएस) सेनानायक राज्य आपदा मोचक बल लखनऊ ने बताया की उप्र एसडीआरएफ का मुख्यालय बिजनौर रोड लखनऊ पर स्थित है, जो किसी भी आपदा के दौरान राहत बचाव की कार्यवाही के लिये नवीन उपकरणों सहित पूर्णरूप से सुसज्जित है। राहत बचाव कार्य के अलावा इनके द्वारा समय- 2 पर जनजागरूकता हेतु कार्यक्रम भी चलाये जाते हैं। जैसे-आपदा मित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम, मॉकड्रिल इत्यादि। डा भानू प्रताप मल्ल, सदस्य सलाहकार समिति, राज्य आपदा प्रबंध प्रधिकरण उप्र द्वारा डीडीएमपी तथा जीपी एसडीपी पर एक विशेष सारगर्भित व्याख्यान दिया गया। कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वय प्रवीन किशोर, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर (ट्रेनिंग) द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समन्वय प्रवीन किशोर, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर (ट्रेनिंग) द्वारा किया गया।

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प्रशिक्षण में प्राधिकरण की तरफ से परियोजना निदेशक (सूखा प्रबंधन) डा कनीज फातिमा एवं समस्त परियोजना एक्सपर्ट व दीन दयाल उपाध्याय ग्राम विकास संस्थान, बक्शी का तालाब संस्थान की तरफ से बीडी चौधरी, अपर निदेशक, कंसलटेंट कुमार दीपक भी उपस्थित रहें। अपर निदेशक राज्य ग्राम्य विकास संस्थान बख्शी का तालाब लखनऊ ने सभी अभ्यागतों, अतिथियों व प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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