जाने दोग़म की घटाओं को बरस जाने दो,
दर्द को नदी बनकर बह जाने दो।
ये माना की दर्द अपना ही है लेकिन,
खुद को इस दर्द से मुकर जाने दो।
खुशियां तलाशने निकलता है हर कोई,
उन गुमनाम गलियों में खुद को खो जाने दो।
झील सी आंखों में सिर्फ खुशी नहीं होती
दुनिया जो समझे तो यह समझ जाने दो।कल्पना सिंह
Tags jaane do let it go कल्पना सिंह जाने दो
Check Also
लखनऊ में 12 से होगा राजकमल का किताब उत्सव
नई दिल्ली/लखनऊ। 12 जनवरी से लखनऊ में किताब उत्सव का आयोजन हो रहा है। गोमती ...