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Ayodhya: उत्सव जैसी तैयारी

पांच सितंबर ऐतिहासिक तिथि के रूप में दर्ज होगी। पांच शताब्दी के बाद यह योग बना है। इस दिन श्री राम लाल विराजमान भव्य मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन होगा। इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इसकी समीक्षा कर रहे है। कुछ दिन के अंतराल पर वह दूसरी बार अयोध्या पहुंचे।

इसके पहले लखनऊ में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से उन्होंने तैयारियों का जायजा लिया था। इस संबन्ध में प्रेजेंटेशन भी देखा था। वह किशोरावस्था से ही मंदिर आंदोलन को देखते रहे है। अपने पूज्य गुरु अवैद्यनाथ जी के साथ इसमें सहभागी रहे है। आज मुख्यमंत्री के रूप में भूमिपूजन की व्यवस्था का संचालन कर रहे है। प्रशासन व सरकार अपने तरीके से कार्य कर रही है। कोरोना बचाव के दिशा निर्देशों के अनुरूप व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दूसरी तरफ अयोध्या के निवासी भी नगरी को सजाने संवारने में योगदान दे रहे है। अयोध्या धाम में उल्लास व्याप्त है। घरों में भी तैयारी चल रही है। घर की दीवारों,सड़कों गलियों पर केसरिया पताका लहरा रही हैं। दीवारों पर रामकथा प्रसंगों के चित्र बनाये जा रहे है।

अयोध्या रवाना होने से पहले आदित्नाथ ने ट्वीट किया-

अवधपुरी प्रभु आवत जानी। 
भई सकल सोभा कै खानी।।
कई शताब्दियों की प्रतीक्षा अब पूर्ण हो रही है,व्रत फलित हो रहे हैं, संकल्प सिद्ध हो रहा है।
सभी श्रद्धालुजन घर पर दीप जलाएं।
श्रीरामचरितमानस का पाठ करें। 

प्रभु श्री राम का आशीष सभी जनों को प्राप्त होगा। योगी ने श्रीराम लला विराजमान की पूजा की। उनका संकल्प है कि भूमि पूजन को सफल बनाना है। अयोध्या में भगवान का ऐसा मंदिर बने जिसे पूरी दुनिया देखे। पांच सौ वर्षों के लंबे संघर्ष और लाखों बलिदानों के बाद श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की शुभ बेला आई है। इस अवसर को वैश्विक उत्सव का स्वरूप देना होगा।

अयोध्या में अभी से ही दीपावली जैसा दृश्य दिखाई देना चाहिए। लोग अपने घरों में और संत महंत अपने मंदिरों में घी के दीपक जलाएं। योगी ने कहा कि यह हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण है। यह कार्यक्रम रामजन्मभूमि न्यास का है लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हम यहां आए हुए हैं। किसी भी तरह की कोई कोताही न हो इस बात का ध्यान रखा जाएगा।

कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है। सभी से अपील है कि ट्रस्ट ने जिस प्रकार की व्यवस्था बनाई है उसी के अनुसार सभी लोग इस कार्यक्रम से जुड़े। भूमि पूजन स्थल पर पचांग पूजन शुरू हो गया है। गौरी गणेश के पूजन के साथ ही राम मंदिर के भूमि पूजन का तीन दिवसीय अनुष्ठान चलेगा।

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

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