लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने प्रदेश में लगातार बढ़ रही कोरोना महामारी पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग प्रदेश सरकार के गठन से लेकर अब तक प्रत्येक स्तर पर विफल है। परन्तु प्रदेश के मुख्यमंत्री ने केवल स्वास्थ्य मंत्री बदल कर अपने उत्तरदायित्व की इतिश्री कर ली थी। जबकि परिवर्तन के फलस्वरूप विभागीय कार्यकुशलता की समीक्षा करना भी मुख्ममंत्री का दायित्व था, जिसमें वे पूर्णतया असफल है।
उन्होंने कहा कि अब तक स्वास्थ्य विभाग में इन्फ्रास्ट्रक्चर ही पूरा नहीं है। स्ट्रेचर से लेकर मरीजों की दवाईयों तक का सर्वथा अभाव देखने को मिल रहा है। डाॅ. अहमद ने कहा कि कोरोना मरीजों को आठ आठ घण्टे एम्बुलेंस में घुमाया जाता है और एक्बुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था का अभाव होने के कारण मरीजों की मृत्यु तक हो जाती है। सरकार केवल प्रेस काॅफ्रेन्स में फर्जी आंकड़े और फर्जी व्यवस्थाओं का विवरण देकर अपनी पीठ ठोक लेती है।
आम आदमी केवल सरकार की लचर व्यवस्था की मार झेल रहा है। यदि यह भी मान लिया जाय कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अयोध्या के एतिहासिक कार्यक्रम में व्यस्त थे फिर भी उनका स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य मंत्री क्या स्वयं कोरनटाइन थे? कमोवेष यही दशा आपदा प्रबन्धन विभाग की है जो सीधे मुख्यमंत्री द्वारा नियंत्रित होता है। प्रदेश का सम्पूर्ण तराई क्षेत्र बाढ़ की विभीषिका से ग्रस्त है परन्तु किसी भी प्रकार की व्यवस्था बाढग्रस्त क्षेत्रों में नजर नहीं आ रही है। हजारों लोग बेघर हो गये हैं। हजारों एकड खेती जलमग्न हो गयी है तथा सैकडों गांव जमीदोज हो गये हैं फिर भी सरकार का कोई भी प्रतिनिधि बाढग्रस्त क्षेत्रों की आपदा के प्रति सजग नहीं है।
रालोद प्रदेश अघ्यक्ष ने कहा कि सम्पूर्ण प्रदेश में ऐसा लग रहा है कि सरकार का इकबाल दिन प्रति दिन खतम होता जा रहा है। प्रदेश में अपराधों का ग्राफ, कोरोना महामारी का ग्राफ और बाढग्रस्त क्षेत्रों का ग्राफ लगातार बढता जा रहा है। चारो ओर जनधन की हानि हो रही है, परन्तु सरकार किसी प्रकार का संज्ञान नहीं ले रही है। ऐसी दशा में यही आभास होता है कि प्रदेश को केवल भगवान के भरोसे छोड दिया है।