आयकर प्रणाली में नरेंद्र मोदी सरकार ने कई सुधार किए है। फिर भी इसमें सुधार की गुंजाइश बनी ही थी। क्योंकि स्वतन्त्रता के बाद से ही इस दिशा में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया था। मनमोहन सिंह अर्थशास्त्री थे, उनसे अधिक अपेक्षा थी, लेकिन दस वर्षों में वह भी सुधार नहीं कर सके। कोरोना आपदा राहत कार्यों के दौरान नरेंद्र मोदी अनेक बार ईमानदारी से आयकर देने वालों की प्रशंसा कर चुके है। उनका कहना था कि ऐसे आयकर दाताओं के सहयोग से ही सरकार जरूरतमन्दों तक सहायता पहुंचाने में सफल हो सकी। इस अवधि में बीस लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज दिया गया। अस्सी करोड़ ग़रीबों को अगले नवम्बर तक मुफ़्त आटा या चावल और एक किलो दाल उपलब्ध होती रहेगी। ग़रीब महिलाओं को सिलेंडर भी मुफ़्त में मिल रहा है।
इसके लिये करीब पौने दो लाख करोड़ रुपये के इस पैकेज का एलान किया गया था। संकट के दौरान ईपीएफ़ में कंपनी और कर्मचारी, दोनों के हिस्से का योगदान सरकार की ओर से गया। उज्ज्वला योजना की लाभार्थी आठ करोड़ महिलाओं को भी अगले तीन महीनों तक मुफ़्त सिलेंडर देने की व्यवस्था की गई। किसानों के खाते में दो हजार रुपये की किश्त हर महीने दी गई। पौने आठ लाख से अधिक किसानों के खाते में किश्त ट्रांसफर की गई। अब तक किसानों को सालाना छह हजार रुपये दिया जाता है।बीस करोड़ महिला जनधन खातों में अगले तीन महीने तक पांच पांच सौ रुपये भेजे गए। मनरेगा की मजदूरी बढाई गई। वृद्धों,विधवाओं और दिव्यांगों के लिए अतिरिक्त एक हजार रुपये पेंशन के तौर पर देने की व्यवस्था हुई। यह पैसा सीधे उनके बैंक खातों में भेजा गया।
नरेंद्र मोदी ने इन सभी कार्यों का श्रेय ईमानदार कर दाताओं को दिया था। उनको प्रोत्साहन और कर प्रणाली में पारदर्शिता के लिए मोदी ने एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की। ट्रासपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट प्लेटफॉर्म से सुधारों को गति मिलेगी। उन्होंने न कहा कि ये प्लेटफॉर्म इक्कीसवीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है। जिसमें फेसलैस असेसमेंट अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म हैं। इस नए टैक्स प्लेटफॉर्म के तहत करदाता को फेसलेस असेसमेंट,टैक्स पेयर्स चार्टर,फेसलेस अपील की सुविधा मिलेगी।
टैक्स देने में आसानी होगी। पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान नामक एक प्लेटफॉर्म उपयोगी साबित होगा। वर्तमान सरकार द्वारा प्रक्रिया की जटिलता के साथ कर भी कम किया गया है। पांच लाख रुपए की आय पर अब टैक्स जीरो है। बाकी स्लैब में भी टैक्स कम हुआ है। कारपोरेट कर के मामले में हम दुनिया में सबसे कम कर लेने वाले देशों में से एक हैं। स्क्रूटनी में चार गुना कम हुई है।
इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है। टैक्स प्रणाली को निर्बाध, निर्जीव, फेसलेस करने पर जोर दिया गया है। आयकर विभाग हर करदाता को उलझाने के बजाय समस्या सुलझाने के लिए काम करे। सभी नियम सरल होंगे। टैक्सपेयर्स चार्टर भी देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है।
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री