अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (AAP) निर्वाचन आयोग से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद से गदगद है। ‘आप’ अब लुटियन दिल्ली इलाके में अपना राष्ट्रीय मुख्यालय बना सकती है।
इसके लिए पार्टी अगले सप्ताह केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के पास एक प्लॉट के लिए आवेदन करेगी। सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को क्रमशः कैनिंग रोड और पुराना किला रोड पर आवंटित सरकारी बंगलों को खाली करने के लिए कहा जा सकता है। निर्वाचन आयोग ने इन दोनों दलों की राष्ट्रीय दलों की मान्यता खत्म कर दी थी।
भाकपा के वर्तमान प्रभारी डी राजा ने कहा कि पुराना किला रोड स्थित बंगला भाकपा को तब आवंटित किया गया था जब उसे पार्टी महासचिव ए.बी. बर्धन के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था। राजा फिलहाल वल्लभभाई पटेल हाउस में रहते हैं। वहीं, 20 दिसंबर, 2013 को मध्य दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर तृणमूल कांग्रेस को आवंटित जमीन का क्या होगा, इसको लेकर भी अनिश्चितता है क्योंकि पार्टी ने अभी तक अपना कार्यालय नहीं बनाया है।
राष्ट्रीय दल का अध्यक्ष भी बंगला पाने का पात्र होता है। हालांकि, अगर वह व्यक्ति पहले से ही सरकारी आवास में रह रहा है, तो वह दूसरा बंगला पाने का हकदार नहीं है।
इसका तात्पर्य यह है कि ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को केंद्र सरकार से नया बंगला नहीं मिलेगा। वह वर्तमान में सिविल लाइंस क्षेत्र में राज्य सरकार के आवास में रह रहे हैं।
आम आदमी पार्टी वर्तमान में डीडीयू मार्ग पर दिल्ली लोक निर्माण विभाग द्वारा आवंटित बंगले से अपना कार्यालय चला रही है। निर्वाचन आयोग ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दी और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि भूमि एवं विकास विभाग द्वारा किसी राष्ट्रीय पार्टी को भूखंड आवंटित करने के बाद पार्टी वहां अपना कार्यालय बनाती है। उन्होंने कहा कि वह जमीन उसके पास रहती है, भले ही उसका राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा रहे या नहीं।
‘आप’ के एक पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी अगले सप्ताह जमीन के लिए आवेदन करेगी। नियमों के मुताबिक, जमीन के आवंटन के तीन साल के भीतर पार्टी को अपना कार्यालय बनाना होता है।
आम आदमी पार्टी को अपना कार्यालय चलाने के लिए मध्य दिल्ली में एक सरकारी बंगला भी मिलेगा, जब तक कि वह उसे आवंटित भूखंड पर पार्टी मुख्यालय नहीं बना लेती।