जयपुर.रानी पद्मिनी के नाम पर बन रही संजय भंसाली की फिल्म शुरू होने से पहले ही विवादों के घेरे में आ गई। शनिवार को शूटिंग सेट पर तोड़-फोड़, मारपीट और गोली कांड के बाद संजय ने फ़िलहाल तो शूटिंग का कार्यक्रम रद्द कर दिया और भविष्य में दोबारा जयपुर में शूटिंग करने से भी तौबा कर लिया।अपनी फिल्मों को लेकर अक्सर विवादों में घिरे रहे संजय ने करणी सेना पर मारपीट और तोड़फोड़ का आरोप लगाया है।राजस्थान के गृहमंत्री जी. सी. कटारिया ने मामले की जाँच के आदेश दिए है।केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने सीएम वसुंधरा राजे से एक्शन लेने को कहा है।
क्या है विवादः
करणी सेना के संभाग प्रभारी भूपेंद्र सिंह राठौड़ का आरोप है कि भंसाली इस फिल्म में रानी पद्मिनी को अलाउदीन खिलजी की प्रेमिका के रूप में दर्शा रहे है जो मेवाड़ के इतिहास को खंडित करने जैसा है।
कौन थी रानी पद्मिनी:
रानी पद्मिनी की शादी के लिए उनके पिता ने स्वयंवर आयोजित किया था।इसी स्वयंवर में चित्तौड़ के राजा रतन सिंह के साथ रानी पद्मिनी की शादी हुई थी।रानी पद्मिनी की सुन्दरता के बारे में सुनकर अलाउद्दीन खिलजी, रानी पद्मिनी को पाने के लिए बेचैन हो उठा।उसने रानी को पाने के लिए चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया।उसने चितौड़ के किले को कई महीनों तक घेरे रखा,लेकिन चित्तौड़ के रणबाकुरों के चलते वह चित्तौड़ पर विजय नहीं पा सका।
अलाउद्दीन खिलजी का प्रस्ताव:
युद्ध में विजय न मिलती देख छल से रानी को हथियाने की जुगत लागई और राजा रतन सिंह के पास संदेश भेजा कि हमने चित्तौड़ की रानी की सुन्दरता के बारे में काफी सुन रखा है।एक बार यदि वह रानी को देख लेगा तो किले पास से अपनी सारी सेना हटा लेगा।खिलजी का यह प्रस्ताव सुनकर राजा रतन सिंह बहुत क्रोधित हुए, लेकिन इतनी छोटी सी बात के कारण चित्तौड़ के सैनिकों का खून वो नहीं बहाना चाहते थे।उन्होंने खिलजी के पास रानी को आईने में देखने का संदेशा भेजा।
धोखे से बनाया बंदी:
समझौते के मुताबिक आईने में रानी का चेहरा दिखाया गया,लेकिन रानी को देखने के बाद खिलजी के मन में छल समा गया।उसने राजा रतन सिंह को धोखे से बन्दी बना लिया।अलाउद्दीन खिलजी ने रानी के सामने शर्त रखी कि अगर रानी पद्मिनी खुद को उसे सौंप दे,तो वह राजा को छोड़ देगा।
रानी ने रखी शर्त:
अपने सुहाग की रक्षा के लिए रानी ने खिलजी को संदेश भेजा कि वह अपनी सात सौ दसियों के साथ खिलजी के सामने आने से पहले अपने पति से एक बार मिलना चाहती है।खिलजी ने रानी का यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।रानी ने सात सौ पालकियों में राजपूत सैनिकों को बिठाया,और पालकी उठाने का काम भी उन्होंने वीर सैनिकों से हीं करवाया।शिविर के पास पहुँचने पर सभी वीर सैनिक,यवन सेना पर टूट पड़े।खिलजी को इस हमले की उम्मीद नहीं थी,इसलिए उसके सैनिक विचलित हो गए।
रानी का निश्चय:
रानी पद्मिनी ने जौहर करने का निश्चय किया। रानी के साथ 16,000 वीरांगनाओं ने भी जौहर करने का निश्चय किया।एक विशाल चिता सजाई गई, रानी पद्मिनी और 16,000 वीरांगनाओं ने अपने परिवार वालों से अंतिम बार मुलाकात की. फिर वे वीरांगनाएं जलती चिता में कूद पड़ी । रानी पद्मिनी और 16,000 वीरांगनाओं के जौहर ने चित्तौड़ की मिट्टी को हमेशा के लिए पावन बना दिया।
ऐतिहासिक तथ्य को तोड़ मरोड़कर किया पेश:
संजय लीला भंसाली की आगामी फिल्म ‘पद्मावती’ का विरोध गुजरात में हार्दिक पटेल की अगुआई वाली पाटीदार नवनिर्माण सेना और राजस्थान में राजपूत करणी सेना इस फिल्म का विरोध कर रही है। हार्दिक ने फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली को पत्र लिखकर चेताया है कि फिल्म में तथ्यों से खिलवाड़ किसी सूरत में नहीं बर्दाश्त किया जाएगा।
हार्दिक पटेल ने कहा कि जब तक भंसाली लिखित में आश्वासन नहीं देते तब तक इस फिल्म की शूटिंग गुजरात में नहीं होने दी जाएगी| वहीं राजपूत करणी सेना भी राजस्थान में फिल्म की शूटिंग नहीं होने देने के लिए अड़ी है|
दीपिका बनी रानी,रणवीर बने खिलजी:
दीपिका पादुकोण चित्तौड़ के राजा रतन सेन सिंह की पत्नी रानी पद्मिनी का किरदार निभा रही हैं और फिल्म में दीपिका के पति की भूमिका में शाहिद कपूर नजर आयेगें,वहीं रणवीर सिंह अलाऊद्दीन खिलजी का किरदार निभा रहे है।