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जरूहौलिया कांड : एडीजे ने दो दरोगाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीजीपी को लिखा

औरैया। जनपद के जरूहौलिया में प्रधान पति राजवीर सिंह हत्याकाण्ड का फैसला सुनाते समय अपर जिला एवं सत्र न्यायाध ने विवेचना में लापरवाही बरतने एवं न्यायालय के सामने गलत साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए उक्त हत्याकाण्ड के विवेचक रहे दो दरोगाओं के विरूद्ध कार्रवाई के लिए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को आदेश की एक प्रति प्रेषित करने को कहा है।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीष महेश चन्द्र वर्मा की कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि विवेचकगण तत्कालीन उपनिरीक्षक देवेन्द्र प्रताप सिंह व अखिलेश कुमार मिश्रा ने अपनी विवेचना में जानबूझकर लापरवाही करने व अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अभियुक्तों को अनुचित लाभ देकर अभियुक्त शशेन्द्र कुमार व शिवकुमार द्विवेदी को अभियोजित होने से बचाने हेतु न्यायालय के समक्ष गलत साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए इस निर्णय के पैरा 328 से 330 तक की गयी विवेचना के आलोक में उक्त दोनों विवेचकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई किये जाने हेतु डीजीपी लखनऊ को निर्णय की एक प्रति प्रेषित की जाये।

अधिवक्ता महावीर शर्मा ने बताया कि शशेन्द्र कुमार द्विवेदी व शिव कुमार द्विवेदी 01 जून 2018 से व नन्दन प्रजापति उर्फ देवकीनन्दन 19 फरवारी 2016 से जेल में निरूद्ध हैं, पुलिस ने दोनों भाइयों को विवेचना में दोषमुक्त किया था, लेकिन कोर्ट ने विचारण के दौरान दोनों को तलब कर दंडित किया।
जरूहौलिया के प्रधान पति राजवीर सिंह हत्याकाण्ड के फैसले को लेकर कचहरी को आज सुबह से ही छावनी बना दिया गया था, फैसला सुनाने वाली कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक सुनीति को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था हेतु लिखा था, जिसके कारण सुबह से ही पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर सुरेन्द्र नाथ की देखरेख में भारी पुलिसबल पूरी तैयारी के साथ शाम तक मौजूद रहा।

रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर

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