नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने कहा है कि वह 2000 रुपये के नोट या तो वापस ले सकता है, या उसकी छपाई बंद कर सकता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में आरबीआई के हवाले से कहा गया है कि 2000 रुपये के नोट के लेनदेन में परेशानी को देखते हुए आरबीआई ने सावधानी बरतते हुए कहा कि उसकी छपाई बंद कर दी जायेगी। बाजार में तरलता की स्थिति सामान्य होने के बाद सप्लाई कम कर दी गई है। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार हाल में लोकसभा में पेश आरबीआई की सालाना रिपोर्ट के आंकड़ों के मिलान के बाद यह तथ्य सामने आया है कि मार्च 2017 तक 3501 अरब रुपये की छोटी करेंसी बाजार में चलन में थी। इसका तात्पर्य यह है कि 8 दिसंबर तक 13324 अरब रुपये मूल्य के बराबर बड़ी करेंसी चलन में थी। वित्त मंत्रालय की ओर से हाल ही में लोकसभा को दी गई जानकारी का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 दिसंबर तक आरबीआई ने 500 रुपये के 169570 लाख नोट छापे हैं और 2000 रुपये के नोट 36540 लाख। इनका कुल मूल्य 15787 अरब रुपये है। रिपोर्ट के लेखक सौम्या कांति घोष ने कहा कि इसका मतलब यह हुआ कि आरबीआई ने कुल 2463 अरब रुपये मूल्य के 2000 के नोट तो छापे, लेकिन उन्हें बाजार तक नहीं पहुंचाया गया। लेकिन न तो सरकार ने अभी तक अपने पत्ते खोले हैं और न ही आरबीआई ने ही कुछ कहा है। अर्थात यह नोट अभी बंद होने वाले नहीं हैं।
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