समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व एमएलसी का कल (रविवार को) निधन हो गया. 92 साल के मुलायम ने औरेया में स्थित अपने पैतृक आवास में अंतिम सांस ली. समाजवादी पार्टी के संरक्षक नेताओं में उनका भी नाम शामिल था.
पार्टी में शोक की लहर
मुलायम सिंह के निधन से पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके निधन पर शोक जताते हुए परिवार के प्रति अपनी संवेदना जाहिर की. अखिलेश ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन बड़ी सादगी के साथ जिया, और वे आजीवन किसान, गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों की आवाज उठाते रहे.
अखिलेश ने कहा कि उन्होंने अपने गांव को कभी नहीं छोड़ा. हमेशा अपने गांव में रहे. शहर में कोई मकान नहीं बनवाया. उन्होंने कहा कि आजीवन समाजवादी विचाराधारा के प्रति समर्पित रहे. उनके निधन से पार्टी को अपूरर्णीय क्षति हुई है.
राजनीतिक करियर
औरेया के ककोर के पास स्थित कढोरे का पुरवा गांव के रहने वाले मुलायम सिंह यादव पूर्व सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के बेहद नजदीकी नेताओं में से एक थे. वे पहली बार 1949 में सरपंच बने और इसके बाद जीवन भर सक्रिय राजनीति में बने रहे. वे 3 बार विधान परिषद के सदस्य रह चुके थे. साथ ही दो बार ब्लॉक प्रमुख भी चुने गए. पार्टी को बढ़ाने में उनका काफी योगदान रहा.
उनकी सादगी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि वे साइकिल से ही पार्टी का प्रचार करने जाते थे. पार्टी में उनका इतना कद था कि एक बार एक सभा में मुलायम सिंह यादव इन्हें ही पार्टी का असली अध्यक्ष बताया. मुलायम ने कहा कि था कि मेरा निर्णय उनके निर्णय से अलग नहीं हो सकता है, क्योंकि हमारे नाम ही एक हैं.