लखनऊ। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में निर्यात बन्धु की बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, वित्त, एमएसएमई, ऊर्जा, वाणिज्य कर, पर्यावरण, कस्टम्स, सेन्ट्रल एक्साइज व सर्विस टैक्स, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार, आईटी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, पशुधन विकास, पर्यटन, मण्डी परिषद सहित सम्बन्धित विभागों के प्रदेश एवं भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद का अलग-अलग एक्सपोर्ट प्लान 30 नवम्बर, 2020 तक अवश्य बन जाये। उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट प्लान गुड्स एवं सर्विसेज दोनों को सम्मिलित करते हुए तैयार किया जाये। उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट प्रमोशन कमेटियों का गठन सभी जनपदों में हो जाये तथा उनकी बैठकें भी कर ली जायें। इन बैठकों में स्थानीय स्तर की निर्यात एवं निर्यातकों से जुड़ी समस्याओं का तत्परता से एवं समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित कराया जाये। वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जुड़े प्रदेश के विभिन्न जनपदों के निर्यातकों द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत अनुदान एवं वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने अथवा उनमें वृद्धि किये जाने की मांग पर मुख्य सचिव ने विश्वास दिलाया कि नई निर्यात नीति को अन्तिम रूप देते समय उनके सुझावों को संज्ञान में लिया जायेगा।
बैठक में बताया गया कि ऑल इण्डिया कारपेट मैन्युफैक्चरर एक्सपोर्टर एसोसिएशन (एक्मा) भदोही की मांग पर कारपेट एक्सपो मार्ट भदोही को कारपेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल को हैण्डओवर किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त एक्सपो मार्ट भदोही के समीप ही होटल निर्माण के लिए भूमि भी आरक्षित कर ली गयी है। वाराणसी एयरपोर्ट से भदोही कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने व सड़क के सुदृढ़ीकरण हेतु लोक निर्माण विभाग को निर्देश दे दिये गये हैं तथा उक्त कार्य शीघ्र पूरा हो जायेगा।
सहारनपुर स्थित वुड सीजनिंग प्लान्ट का संचालन ईपीसीएच को प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में बताया गया कि वुड सीजनिंग प्लान्ट एसाइड योजनान्तर्गत स्थापित किया गया था तथा इसके संचालन सम्बन्धी टेण्डर प्रोसेस हो गया है तथा अगले सप्ताह में फाइनल हो जायेगा। कतिपय निर्यातकों द्वारा वैट रिफण्ड प्रक्रिया को आसान व ऑनलाइन बनाये जाने के सुझाव पर वाणिज्य कर विभाग के उपस्थित अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि वैट रिफण्ड प्रक्रिया को आसान करने के लिए शत-प्रतिशत ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गयी है तथा 60 दिन के अन्दर मामलों के निस्तारण की समय सीमा निर्धारित है। मुरादाबाद के कतिपय निर्यातकों द्वारा मुरादाबाद में फायर एन.ओ.सी. हेतु आवश्यक एक लाख लीटर की क्षमता के वाटर टैंक की अनिवार्यता समाप्त किये जाने की मांग पर बताया गया कि प्रकरण पर विचार किया जा रहा है तथा इस सम्बन्ध में शीघ्र निर्णय ले लिया जायेगा।
कतिपय निर्यातकों द्वारा एफएससी सर्टिफाइड लकड़ी की आवश्यकता को पूरी करने हेतु यू.पी. फारेस्ट काॅरपोरेशन के अतिरिक्त सामाजिक वानिकी अन्तर्गत उपलब्ध मैंगों वुड को भी एफएससी सर्टिफाई कराया जाये ताकि लकड़ी की वर्तमान आवश्यकता को प्रदेश में उपलब्ध लकड़ी से ही पूरा किया जा सके, जिससे बड़े पैमाने पर कारीगरों को रोजगार मिलेगा साथ ही प्रदेश को बहुमूल्य विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होगी, की मांग पर अवगत कराया गया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश वन निगम द्वारा प्रदेश के 41 वन प्रभागों के लगभग 4.5 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र को प्रोग्राम फाॅर द इंडोरसमेन्ट आॅफ फाॅरेस्ट सर्टिफिकेट प्रमाणीकृत किया जा चुका है। पीईएफसी फाॅरेस्ट स्टीवर्डशिप काउंसिल के समकक्ष एक अन्तर्राष्ट्रीय प्रमाणीकरण है। वर्तमान में प्रमाणीकृत प्रकोष्ठ में मुख्यतः आम, अर्जुन, अक्रेशिया प्रजातियों को निर्यातकों द्वारा प्राथमिकता दी जा रही है।
यूपीसीडा के नोएडा स्पेशल इकाॅनाॅमिक जोन के सुन्दरीकरण, साफ-सफाई बेहतर अवस्थापना एवं नागरिक सुविधाओं के विकास के सुझाव पर बैठक में बताया गया कि एसईजेड के सौन्दर्यीकरण, पार्कों के नवीनीकरण, वाॅल पेन्टिंग आदि का कार्य विशेष अभियान चलाकर कराया जा चुका है। जनपद मेरठ में स्पोर्ट्स गुड्स इंडस्ट्री हेतु एक मैनुफैक्चरिंग पार्क की स्थापना हेतु 200 एकड़ भूमि चिन्हित करने के प्रकरण पर जिलाधिकारी मेरठ से वार्ता कर प्रकरण का शीघ्र निस्तारण कराने के निर्देश दिए गए। जनपद गाजियाबाद के इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित सड़कों, नालियों के रख-रखाव के सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि शासनादेशानुसार उक्त कार्य कराने हेतु सम्बन्धित नगर निगम अथवा जिला पंचायत से कहा जाये तथा कमिश्नर मेरठ मण्डल इसको सुनिश्चित कराएं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल सहित सम्बन्धित समस्त विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण, वीडियोकान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से भारत सरकार के अधिकारीगण तथा विभिन्न जनपदों से निर्यातकगण आदि उपस्थित थे।