कोयला घोटाले (Coal Scam) से जुड़े एक मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे (Dilip Ray) समेत तीन दोषियों को सीबीआई की विशेष कोर्ट (Special Court) ने तीन साल की सजा सुनाई है. ये सजा 21 साल पुराने केस में सुनाई गई है.
कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में वाजपेयी सरकार में राज्य मंत्री (Coal) रहे दिलीप रे को आपराधिक साजिश और अन्य अपराधों को लेकर दोषी ठहराया था. लेकिन सजा पर फैसला आज सुनाया गया है. पिछली सुनवाई के दौराना कोर्ट ने सभी दोषियों को व्यक्तिगत तौर पर Court में हाजिर होने के लिए निर्देश दिया था.
कोर्ट ने कोयला मंत्रालय के तत्कालीन दो वरिष्ठ अधिकारी, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल), इसके निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) को भी दोषी ठहराया था.
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे पर साल 1999 में झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह स्थित ब्रह्मडिहा कोयला खदान आवंटन में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगा था. इस मामले में दिलीप रे के साथ तीन अन्य दोषियों पर भी आरोप साबित हुए हैं. विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने दिलीप रे को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दोषी पाया, जबकि अन्य को धोखाधड़ी और साजिश रचने का दोषी पाया गया.