नयी दिल्ली। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि लोग अगले दो साल में किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान मदद मांगने के लिये आपातकालीन नंबर 112 का उपयोग कर सकेंगे। एनडीएमए खतरे वाले क्षेत्रों में लोगों को समय रहते सतर्क करने की व्यवस्था शुरू करने पर भी काम कर रहा है। एसएमएस, मोबाइल ऐप, रेडियो और टेलीविजन जैसे संचार के सभी माध्यमों का उपयोग कर स्वचालिततरीके से लोगों को चेतावनी संदेश दिया जाएगा।
एनडीएमए के सलाहकार (परिचालन और संचार) ब्रिगेडियर अजय गंगवार ने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय जन सुरक्षा पर काम कर रहा है…आपात स्थिति के लिये 112 नंबर होगा। इसे पुलिस, आग से जुड़ी आपात स्थिति, महिला और बाल संरक्षण तथा अन्य आपदा स्थिति के लिये क्रियान्वित किया जा रहा है।’’
वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सरकार प्राथमिकता वाले ‘कॉल राउटिंग’ पर भी काम कर रही है। इसमें अधिकारियों और एजेंसियों को वरीयता दी जाएगी जो भूकंप, चक्रवात या बाढ़ जैसी किसी भी आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों के लिए प्रतिक्रिया की पहली कड़ी होंगे।
गंगवार ने कहा कि एनडीएम ने साझा सतर्कता व्यवस्था पर पायलट परियोजना चलायी है। इसके तहत लोगों को स्वत: चेतावनी के संदेश मिलेंगे। इसे देश भर में चार साल में क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा,‘‘ हमने एक राज्य में पायलट आधार पर परियोजना चलायी है। हम देश भर में इसे लागू करने की प्रक्रिया में है।हम इसे चार साल में देश में लागू करेंगे।