टीम इंडिया के ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या और क्रुणाल पंड्या के पिता का शनिवार को निधन हो गया. हिमांशु पंड्या ने वडोदरा में आखिरी सांस ली, उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. पिता के निधन के बाद कु्रणाल पंड्या बड़ौदा टीम के बायो बबल से बाहर निकल गए हैं. बता दें क्रुणाल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बड़ौदा का नेतृत्व कर रहे थे. वहीं हार्दिक पंड्या इस टूर्नामेंट में नहीं खेल रहे थे.
हिमांशु पंड्या का अपने बेटों की सफलता में बड़ा हाथ रहा. हिमांशु सूरत में छोटा सा कार फाइनेंस बिजनेस चलाते थे, लेकिन अपने बच्चों को क्रिकेटर बनाने के लिए उन्होंने वडोदरा बसने का फैसला किया.
वडोदरा में सूरत के मुकाबले क्रिकेट की अच्छी सुविधाएं थी, इसीलिए हिमांशु पंड्या ने अपना बिजनेस तक बंद कर दिया था. हिमांशु पंड्या ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बेटों को सिर्फ क्रिकेट खेलने देने के फैसले पर उनके कई रिश्तेदारों ने सवाल खड़े किये थे, लेकिन हम अपने विश्वास पर कायम रहे.