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जनकल्याण की योजनाओं में सहभागिता

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपनी देवरिया यात्रा के दौरान किसान महिला सशक्तिकरण का सन्देश दिया। यहां उन्होंने राष्ट्रीय आजीविका मिशन प्रगतिशील कृषकों प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं ग्रामीण के लाभार्थियों से संवाद किया तथा आकांक्षा समिति,कृषि, एनआरएलएम, प्रधानमंत्री आवास शहरी एवं ग्रामीण व क्षय रोग से जुड़े विभागों के अधिकारियों द्वारा अपने कार्यों का प्रस्तुतिकरण भी किया गया।

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को तीन करोड छप्पन लाख से अधिक रूपये का प्रतीक चेक भी राज्यपाल द्वारा दिया गया।

महिलाओं ने दिखाई प्रतिभा

आनन्दी बेन ने कहा कि स्वयं सहायता समूह बनने से पूरे देश की महिलाएं जागरुक हुई हैं। लगन के साथ कार्य के द्वारा महिलाएं अपनी प्रतिभा प्रमाणित कर रही है। महिलाओं को दोहरी जिम्मेदारी का निर्वाह करना है। उन्हें स्वयं को सशक्त बनाना है। साथ बेटी को पढ़ाना चाहिये। राज्य सरकार व केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को अपना कर महिलायें उनसे जुडी हुईं हैं। संचालित योजनाओं का प्रचार प्रसार भी यदि महिलाओं के माध्यम से होना चाहिए। इससे जागरुकता आयेगी।

कल्याणकारी योजनाएं

राज्यपाल ने कन्या सुमंगला योजना का उल्लेख किया। कहा कि राज्य सरकार की अच्छी योजना है। इससे महिलाओं में साक्षरता बढे़गी। इसे स्वयं सहायता समूहो के माध्यम से आगे बढाना चाहिये। आयुष्मान भारत योजना में भी स्वयं सहायता समूहो की महिलाओं की भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कैम्प लगाकर संचालित योजनाओं के प्रति महिलाओं को जागरुक किया जाये। कुपोषित बच्चे का जन्म न हो इसके लिये भी लोगों में जागरुकता लायी जाए।

राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा इसके लिये पांच हजार रुपये गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार देने के लिये उपलब्ध कराया जाता है। जिसके लिये वे महिलाओं को बतायें और उसका उपयोग करायें। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास शहरी एवं ग्रामीण योजना के तहत केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा गरीबो को छत उपलब्ध कराने के लिये यह योजना चलाई गयी है, जिसके द्वारा गरीबो को छत मिली और उनका सपना पूरा हुआ। इसके साथ ही उन्हे उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेन्डर मिला और इस वर्ष भी एक करोड़ महिलाओ को उपलब्ध कराये जाने का बजट में प्राविधान किया गया है। उन्होने कहा कि ऐसेे आवासो की छतों पर सब्जी उगाये इससे पोष्टिक आहार भी मिलेगा इसके लिये प्रशिक्षण देने की जरुरत है।

कृषि क्षेत्र में सुधार

आनंदीबेन पटेल ने कृषि उत्पादन संगठन एवं प्रगतिशील कृषकों से भी मुलाकात की। उन्होंने कम लागत,पानी का बचाव और रसायनिक खादों का उपयोग बन्द करने पर किसान जागरूक हो रहे है। इससे लागत कम होगी उत्पादन व आय में वृद्धि होगी। किसानों को अपनी मर्जी से उत्पाद को कहीं भी बेचने का अधिकार दिया गया है। कृषि यंत्रों के उपयोग एवं नवाचारों का प्रयोग कर किसान 2022 तक अपनी आय को दोगुनी कर सकते हैं।

ड्रिप स्प्रिगंलर द्वारा पानी की बचत,सोलर पम्प का प्रयोग कर बिजली बचत एवं जैविक व आर्गेनिक खादों का प्रयोग कर कृषि में कम लागत किया जा सकता है। किसानो से कॉन्ट्रेक्ट खेती की बातें सुनकर उन्होंने बताया कि नावार्ड भी इसमें कार्य कर सकता है।कृषि

राज्यपाल ने कहा कि कृषि व पशुपालन एक दूसरे के पूरक हैं। उत्तर प्रदेश में दो बडे प्रोजेक्ट एक वाराणसी में दस हजार गायो का गौशाला बनाये जाने का कार्य चल रहा है। लखनऊ में भी करीब बारह हजार गायों की क्षमता की गौशाला बनाये जाने का एमओयू साइन हुआ है। इन गौशालाओं के गोबर आदि से कम्पोस्ट खाद मिलेगी,जिससे किसानो को काफी सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि कृषक समृद्ध होंगे।

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