लखनऊ। युवा रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल ने केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुये कहा कि किसानों से बातचीत का झूठा आश्वासन किया जा रहा है और यह नहीं बता रहे हैं कि किसानों को कब और कहां आना है? केन्द्र सरकार किसानों का मनोबल तोड़ने का प्रयास कर रही है और उनको लग रहा है कि किसान थक हारकार वापस घर लौट जायेगा, लेकिन किसान अपने हक के लिए आर पार की लड़ाई लड़ेगा। क्योंकि यह देशके किसानों के अस्तित्व की लड़ाई है।
सरकार किसानों की आय दुगनुी करने का वादा तो करती है, लेकिन विगत चार वर्षो से गन्ना किसानों को उनको बकाया गन्ना मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है और न ही गन्ने के मूल्य में वृद्वि हुयी, जबकि पेट्रोल और डीजल तथा बिजली के दामों में निरन्तर बढोत्तरी होती जा रही है और स्थिति यह है कि उ0प्र0 में सबसे मंहगी बिजली मिल रही है। योगी जी किसान समृद्धि आयोग का गठन करके भूल गये और पिछले चार सालों में एक भी बैठक किसान समृद्धि आयोग की नहीं हुयी है इससे प्रतीत होता है कि सरकार किसान विरोधी है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि भाजपा के विधायक व सांसदों को अपनी सरकार से बात करनी चहिए और किसानों की मांगों को तुरंत मानते हुये एमएसपी का कानून लाना चाहिए व तीनों काले किसान विरोधी कृषि कानून निरस्त कर किसानों के हित में नये कानून किसानों की सहभागिता से बनाने चाहिए। सरकार के नेताओं व प्रवक्ताओं के द्वारा किसानों का निरन्तर अपमान किया जा रहा है। सरकार को इस पर कड़ी कार्यवाही करते हुये किसानों से सीधी वार्ता आरम्भ करनी चाहिए जिससे किसानों को राहत मिल सके।
युवा रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल किसानों के साथ खड़ा है और किसानों को हारने नहीं देगा और सरकार जितना षड़यंत्र किसानों के साथ करेगी किसान आन्दोलन उतना ही मजबूत होगा।